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वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को हियरिंग, CJI बीआर गवई की बेंच करेगी सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाएं दायर की गई हैं। कोर्ट ने 6 मई को इस मामले की सुनवाई की, लेकिन कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है।

अब 15 मई को अगली सुनवाई

CJI संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं और 14 मई को जस्टिस बीआर गवई नए मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेंगे। इसके बाद 15 मई को इस मामले की अगली सुनवाई CJI गवई की बेंच में होगी।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?

17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने और सेंट्रल वक्फ काउंसिल सहित बोर्ड में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और याचिकाकर्ताओं को अपना जवाब दाखिल करने का समय भी दिया था।

केंद्र सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 1332 पेज का हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया- ‘वक्फ बाई यूजर’ को कानूनी रूप से सही बताया गया है। वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण 1923 से ही अनिवार्य है। 2013 के संशोधन के बाद वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ की वृद्धि हुई है। वक्फ कानून में आस्था और धार्मिक प्रथाओं का सम्मान बरकरार है। सरकार ने याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है और 116% वृद्धि को “चौंकाने वाला” बताया।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का जवाब

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार के हलफनामे को चुनौती देते हुए आरोप लगाया कि- सरकार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है। हलफनामे में दिए गए आंकड़े सवालों के घेरे में हैं।

अब क्या होगा?

अब सबकी नजरें 15 मई पर टिकी हैं जब CJI बीआर गवई की बेंच इस संवेदनशील मामले की सुनवाई करेगी। माना जा रहा है कि यह मामला देश में वक्फ संपत्तियों और धार्मिक अधिकारों से जुड़े बड़े सवालों को प्रभावित कर सकता है।

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