
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिकाओं पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की जॉइंट बेंच इस मामले में 5 मई को सुनवाई करेगी। पहले यह सुनवाई 29 अप्रैल को होने वाली थी। लेकिन SC ने समय सीमा को बढ़ा दिया है। दरअसल, इसे लेकर 13 याचिकाएं की गई थी।
याचिकाओं की संख्या नहीं बढ़ाएंगे- SC
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि वह अब और याचिकाएं स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा। 17 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला लिया था कि वह केवल पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि 5 मई तक वक्फ संपत्तियों को ‘वक्फ बाय यूजर’ समेत ना तो अधिसूचना से बाहर किया जाएगा और ना ही केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति की जाएगी।
वक्फ कानून को चुनौती देने वाली अब तक करीब 72 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। इनमें असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद, डीएमके और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी व मोहम्मद जावेद जैसे नेताओं की याचिकाएं भी शामिल हैं।
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