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PM Modi Russia visit : पीएम मोदी का रूस दौरा रद्द, विक्ट्री डे परेड में नहीं होंगे शामिल

- पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले हालात, पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच लिया फैसला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का आगामी दौरा रद्द कर दिया है। वह अब 9 मई को मॉस्को में आयोजित होने वाली विजय दिवस (Victory Day) परेड में शामिल नहीं होंगे। इस बात की पुष्टि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने की है।

आधिकारिक कारण का खुलासा नहीं हुआ

हालांकि, दौरा रद्द किए जाने के आधिकारिक कारण का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद उत्पन्न हुए सुरक्षा हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। भारत सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भारत का प्रतिनिधित्व करेगा राजनयिक प्रतिनिधिमंडल

रूसी प्रवक्ता पेस्कोव ने बताया कि प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में भारत का प्रतिनिधित्व एक राजनयिक प्रतिनिधिमंडल करेगा, हालांकि यह नहीं बताया गया कि किस स्तर के अधिकारी परेड में भारत की ओर से शामिल होंगे।

द्वितीय विश्वयुद्ध की 80वीं वर्षगांठ

बता दें, रूस में 9 मई को मनाया जाने वाला विक्ट्री डे, द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की स्मृति में आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यह आयोजन 80वीं वर्षगांठ के रूप में विशेष रूप से मनाया जा रहा है। पीएम मोदी को इसमें भाग लेने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आमंत्रित किया था। इस ऐतिहासिक आयोजन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेता शिरकत करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदलते समीकरण

प्रधानमंत्री मोदी का रूस दौरा ऐसे समय रद्द किया गया है जब भारत में सुरक्षा हालात संवेदनशील हैं। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री निवास पर कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक बुलाई गई थी। इसमें भविष्य की रणनीति और सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल रहे। इसके बाद राजनीतिक और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समितियों की बैठकें भी आयोजित हुईं।

सुरक्षा प्राथमिकता में सबसे ऊपर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक्त प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के बजाय देश की आंतरिक सुरक्षा और रणनीतिक निर्णयों पर ध्यान केंद्रित करना सरकार की प्राथमिकता है। देश की जनता और सुरक्षा तंत्र दोनों के लिए यह संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत सख्त और सजग है।

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