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अब खिड़की से भी नहीं झांक सकेंगी महिलाएं… तालिबान ने घरों में खिड़कियां बनाने पर लगाई रोक, मौजूदा को ईंटों से बंद करने का फरमान

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से महिलाओं पर लगातार कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। इसी क्रम में तालिबान ने शनिवार को एक और महिला विरोधी आदेश जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक, घरेलू इमारतों में उन जगहों पर खिड़कियां बनाने पर बैन लगा दिया गया है, जहां से महिलाओं के नजर आने की संभावना हो। इसके पीछे की वजह बताते हुए तालिबान के सर्वोच्च नेता ने कहा कि, महिलाओं को देखना अश्लील हरकतों को जन्म दे सकता है, उसे रोकने के लिए ऐसा किया गया है।

सरकार ने बताई फैसले की वजह

तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शनिवार को जारी बयान में कहा-  नई इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए जिनसे आंगन, रसोई, पड़ोसी का कुआं और आमतौर पर महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अन्य जगहों को देखा जा सके। तालिबानी प्रवक्ता के अनुसार महिलाओं को रसोई में, आंगन में या कुओं से पानी भरते हुए देखना अश्लीलता को जन्म दे सकता है।

मौजूदा खिड़कियों को बंद करने का आदेश

तालिबान के सर्वोच्‍च नेता ने यह आदेश जारी किया और नगरपालिका अधिकारियों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का काम सौंपा है। ताकि इमारतों में ऐसी खिड़कियां न बनाई जा सकें जिनसे पड़ोसी के घर में झांक सकें। साथ ही यह भी कहा है कि आवासीय इलाकों में अभी महिलाओं के उपयोग वाले क्षेत्रों में जहां कहीं भी कोई खिड़की है उसे भी बंद कर दिया जाए। मकान मलिकों को इनके सामने ईंटों की दीवार बनाने के लिए कहा जाएगा।

महिलाओं के खिलाफ तुगलकी फरमानों का सिलसिला जारी

तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में वापस आने के बाद से महिलाओं के खिलाफ तुगलकी फरमानों का सिलसिला लगातार जारी है। हाल ही में इसी महीने तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं की नर्सिंग ट्रेनिंग पर बैन लगा दिया, हालांकि इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।

इसके अलावा, अगस्त में तालिबान ने अफगान महिलाओं के सार्वजनिक रूप से बोलने और चेहरा दिखाने पर रोक लगा दी थी। साथ ही यह भी आदेश दिया गया था कि महिलाएं सिर्फ अत्यधिक आवश्यकताओं के लिए ही घर से बाहर निकलें। महिलाओं के लिए एक और कड़ा कदम यह था कि तालिबान ने खेलों में उनकी भागीदारी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ये कदम महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों को पूरी तरह से सीमित करने का हिस्सा हैं, जिससे उनकी जीवनशैली और समाज में उनकी भूमिका और भी कम हो रही है।

2021 में अफगानिस्तान में हुआ था तख्तापलट

तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान में तख्तापलट करके सत्ता पर काबू कर लिया था। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि देश में शरिया कानून लागू किया जाएगा। शरिया, इस्लामिक देशों में लागू एक कानूनी व्यवस्था है, जिसे मुस्लिम समाज की रोजमर्रा की जिंदगी और कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों में लागू किया जाता है। हालांकि, पाकिस्तान सहित अधिकांश इस्लामी देशों में इसे पूरी तरह से नहीं अपनाया गया है।

शरिया कानून में पारिवारिक, वित्तीय और व्यवसायिक मामलों से जुड़े कानून शामिल हैं। शराब पीना, नशीली दवाओं का सेवन करना या तस्करी करना जैसे अपराधों के लिए शरिया कानून में सख्त सजा का प्रावधान है। तालिबान सरकार का दावा है कि इस्लामी कानून अफगान पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है, हालांकि इस कानून का पालन महिलाओं के लिए कई तरह के प्रतिबंध और सीमाओं का कारण बन रहा है।

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