
नई दिल्ली। एक शोध में पता चला है कि लड़कियों के मुकाबले लड़कों में टाइप वन डायबिटीज का खतरा कहीं ज्यादा होता है। शोध में खुलासा हुआ है कि 10 वर्ष की उम्र के बाद लड़कियों में यह जोखिम कम हो जाता है, जबकि लड़कों में जोखिम बना रहता है। ब्रिटेन की एक्सेटर यूनिवर्सिटी की टीम ने कहा, ‘पुरुषों का शरीर ऑटो एंटीबॉडी विकास से जुड़ा हो सकता है, जो जोखिम के आकलन में उसे शामिल करने के महत्व को बताता है। शोध के अनुसार, अधिकांश ऑटोइम्यून बीमारियों के विपरीत पुरुषों में ‘टाइप वन डायबिटीज’ का जोखिम अधिक रहता है। शोध के अनुसार, महिला और पुरुषों के बीच इम्यून सिस्टम, मेटाबोलिक और अन्य अंतर टाइप वन डायबिटीज के चरणों के माध्यम से जोखिम पैदा कर सकते हैं।
2.3 लाख पर हुआ अध्ययन
शोध के लिए टीम ने टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित 2 लाख 35 हजार 765 लोगों का अध्ययन किया। इसमें पुरुषों में ऑटो एंटीबॉडी अधिक पाए गए। बता दें कि महिलाओं में यह स्तर 5.0 प्रतिशत और पुरुषों में यह 5.4 प्रतिशत रहता है। पुरुषों में कई ऑटो एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक जांच की संभावना के साथ टाइप वन डायबिटीज की संभावना भी अधिक थी। टीम ने कहा, ’लगभग 10 वर्ष की आयु में इस जोखिम से यह परिकल्पना उभरती है कि युवा अवस्था में कई तरह के हार्मोन इसमें भूमिका निभा सकते हैं।