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Earthquake: इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 7.9 रही तीव्रता; सुनामी की चेतावनी जारी

इंडोनेशिया में एक बार फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.9 मापी गई। इस भूकंप के बाद इंडोनेशिया में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। भूकंप इतना तेज था कि डार्विन सहित इसे ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी हिस्से में भी महसूस किया गया। इंडोनेशिया में पिछले साल भी भूकंप आए थे, जिसमें व्‍यापक पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ था।

सुनामी की चेतावनी जारी

यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) के अनुसार, भूकंप इंडोनेशिया में तुआल क्षेत्र से 342 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में 02:47:35 (स्थानीय समय) पर आया। भूकंप के झटके 2000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पोर्ट ओलरी से 23 किमी दूर और पृथ्वी की सतह से 27 किमी गहराई में था। भूकंप इतना जोरदार था कि पैसिफिक सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने 300 किमी के क्षेत्र में तटों पर सुनामी की चेतावनी जारी की थी। हालांकि एजेंसी ने कुछ ही समय के बाद चेतावनी को हटा ली।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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