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पापुआ न्यू गिनी में आया 7.7 तीव्रता का भूकंप, भारी नुकसान की आशंका; सुनामी का अलर्ट जारी

दक्षिण-पश्चिम सागर के देश पापुआ न्यू गिनी में रविवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई। वहीं अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की थी, लेकिन बाद में संस्था ने कहा कि सुनामी का खतरा अब टल गया है।

कहां था भूकंप का केंद्र

पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया के पास प्रशांत महासागर क्षेत्र का एक देश है जो कि भूकंप के मद्देनजर बेहद संवेदनशील है। भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट मार्सबे से करीब 60 किलोमीटर दूर लाई में था। यहां का सबसे ज्यादा आबादी वाल क्षेत्र कायनान्तू है। यहीं पर भूकंप का केंद्र भी था। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए भारी नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है।

इंडोनेशिया में भी आया भूकंप

पापुआ न्यू गिनी के अलावा इंडोनेशिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6.0 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

भूकंप के केंद्र का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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