
इंदौर। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की फायरिंग रेंज में डीएसपी ने नियमों को ताक पर रखकर अपने बेटों से फायरिंग करवा दी। यह फायरिंग प्रैक्टिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवानों के आयोजित की गई थी। फायरिंग रेंज में डीएसपी के बेटे द्वारा सभी हथियारों से फायरिंग किए जाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। बता दें कि, बीएसएफ की सी-रेंज में सिविलियन का आना भी प्रतिबंधित रहता है।
नाराज जवानों ने बनाया वीडियो
आरोप है कि, बटालियन में पदस्थ डीएसपी (असिस्टेंट कमांडेंट) पृथ्वीराज चौहान ने अपने बेटों राजा और ऋषि को रेंज में इंसास, पिस्टल, एके-47, एलएनजी और 9 एमएम पिस्टल से फायरिंग करवाई। नाराज जवानों ने घटना का न सिर्फ वीडियो बनाया, बल्कि अफसरों को शिकायत भी कर दी। कहा जा रहा है कि, जिस वक्त यह फायरिंग चल रही थी। उस समय अमर सिंह अलावा भी वहां मौजूद थे, जो उस वक्त रेंज में नोडल अधिकारी बनाए गए थे। उनके सामने यह अनियमितताओं की बातें भी सामने आ रही है।
#इंदौर: सीमा सुरक्षा बल #बीएसएफ की फायरिंग रेंज में डीएसपी ने बेटों से करवाई फायरिंग। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवानों के लिए आयोजित की गई थी फायरिंग की प्रैक्टिस। बीएसएफ की सी-रेंज में सिविलियन का आना प्रतिबंधित रहता है।@BSF_India @MPPoliceDeptt @DGP_MP #STF #PeoplesUpdate pic.twitter.com/JXk1gLEeCO
— Peoples Samachar (@psamachar1) February 6, 2023
3 जनवरी का बताया जा रहा मामला
आरोप है कि पृथ्वीराज ने 3 जनवरी को बिना किसी की इजाजत लिए रेवती रेंज के अंदर अपने बेटों को सभी हथियारों से फायरिंग करवाई। इस रेंज में एसटीएफ के जवानों का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसके बाद वीडियो वायरल होने के बाद अब अधिकारी सकते में हैं और सभी अलग-अलग बयान दे रहे हैं। मामले में जब डीएसपी पृथ्वीराज से बात की गई तो उसका कहना था, कि वीडियो में जो गोलियां चलाते दिख रहे हैं वह पुलिसकर्मी हैं कोई भी अन्य व्यक्ति नहीं है।
पुष्टि होने पर होगी सख्त कार्रवाई
पूरे मामले में आईजी एसएफ राकेश गुप्ता का कहना है कि, फायरिंग रेंज में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी चाहिए। अगर इस तरह की बात सामने आई है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। इस वीडियो के आधार पर आगे की जांच किए जाने की बात कही जा रही है।
क्या है नियम
जब भी रेवती रेंज में पुलिस के अलग-अलग फोर्स, एसटीएफ बटालियन रिजर्व फोर्स, थाने का फोर्स व अन्य फोर्स द्वारा फायरिंग की जाती है तो एक-एक कारतूस का हिसाब रखना होता है। यदि इस तरह से कोई भी बाहरी व्यक्ति को वह हथियार चलाने के लिए देते हैं तो यह नियम विरुद्ध है ऐसे में सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
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