
अशोक गौतम /भोपाल। प्रदेश में एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) बनाए जाएंगे। इस तरह के 27 निकाय हैं। कंट्रोल कमांड सेंटर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने भारत सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। वर्तमान में प्रदेश के सभी स्मार्ट सिटी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सतना, उज्जैन और सागर शहर में कंट्रोल कमांड सेंटर हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के निर्माण में करीब 30 से 35 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इससे अस्पतालों से लेकर सभी स्थानीय सेवाएं जोड़ी जाएंगी। वर्तमान में जिन सात शहरों में सेंटर बनाए गए हैं, वहां औसत चार से पांच करोड़ रुपए प्रति माह कमाई हो रही है। कोविड के दौरान इन्हीं सेंटरों के जरिए ऑक्सीजन की सभी जिलों को सप्लाई, अस्पतालों की व्यवस्था आदि की जानकारी सरकार तक पहुंचाई जाती थी। वहीं पुलिस को अपराधियों और हादसा कर वाहन लेकर भागने वालों को पकड़ने में भी मदद मिल रही है। अन्य चीजों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
इस व्यवस्था से ये होगा फायदा
सीसीटीवी कैमरों से पता चल जाएगा कि कहां ट्रैफिक जाम है। ऐप के माध्यम से भी लोग सीधे इसकी जानकारी दे सकते हैं। ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले, रेड लाइट जंप, ओवर स्पीड के अलावा गाड़ियों के चोरी होने, आदमी के चेहरे को पकड़ने, चाहे वेश बदल लें, तब भी पकड़ में आएगा। बच्चे के गुम होने पर कैमरे के जरिए उसे ढूंढ़ना आदि फीचर शामिल होंगे। कंट्रोल सेंटर पर सेंसर के जरिए पानी नहीं आने, कहां पर लीकेज है, इसकी जानकारी भी मिलेगी।
जगह जगह लगाए जाएंगे कैमरे
शहरों के मुख्य स्थानों, बाजार, मुख्य मार्गों पर कैमरे लगाए जाएंगे। इससे इंटरनेट के जरिए कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। कृषि, परिवहन, पुलिस, खनिज विभाग, नगरीय निकाय, वाणिज्यिक कर स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, सहित कई विभागों को इससे जोड़ा जाएगा। जो विभाग इसकी सुविधाएं लेंगे, उन्हें कंट्रोल कमांड सेंटर को शुल्क देना पड़ेगा।
वन सिटी ऐप से होंगे कनेक्ट
शहर के सारे सीसीटीवी कैमरे, कचरा प्रबंधन के तहत डोर टू डोर कचरा उठाने वाली गाड़ियों में लगे जीपीएस सिस्टम, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, ट्रैफिक सिग्नल आदि को इस कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। उन्हें स्मार्ट सिटी के वन सिटी वनऐप से कनेक्ट कर दिया जाएगा। इस ऐप से हर समस्या के समाधान या जानकारी मिलेगी।
ये शहर बनेंगे स्मार्ट
देवास, रतलाम, रीवा, कटनी, भिंड, सिंगरौली, बुरहानपुर, मुरैना, खंडवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, विदिशा, सीहोर, खरगोन, गुना, छतरपुर, दमोह, मंदसौर, नीमच, पीतमपुर, नर्मदापुरम, इटारसी, बैतूल, शिवनी, दतिया, नागदा, डिंडोरी।
ऐसे होगी मॉनिटरिंग
- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से शहर में डिजास्टर मैनेजमेंट, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, मौसम सहित शहर में चलने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट पर नजर रखी जा सकेगी।
- शहर में बनने वाली स्मार्ट पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे व सेंसर लगे होंगे। यहां से लाइव नजर रखी जाएगी ।
- स्मार्ट पोल में लगे कैमरों से सड़क के ट्रैफिक को कंट्रोल होगा।
- शहर के जीआईएस मैप, मोबाइल एप, डायल 100, डायल 108, सिटी बसों का ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट संबंधी डाटा और सेवाएं बेहतर हो सकेंगी।
कमांड सेंटर प्रस्तावित
नेशनल अर्बन डेवलपमेंट मिशन के तहत प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में कंट्रोल कमांड सेंटर प्रस्तावित है। भरत यादव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग