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भोपाल में मिंटो हॉल, गौहर महल जैसी हेरिटेज लोकेशन्स पर एक साल में शूट हुए 26 प्रोजेक्ट

वर्ल्ड हेरिटेज डे आज : दतिया, नरसिंहगढ़ और बुरहानपुर को फिल्मों में दिखाने की तैयारी

अनुज मीणा- फिल्म इंडस्ट्री को प्रदेश की हेरिटेज लोकेशन्स की खूबसूरती इतनी पसंद आ रही है कि वे लगातार भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों के महलों, मंदिरों, छत्रियों और घाटों को एक्सप्लोर कर रहे हैं। वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल की भी कई हेरिटेज लोकेशन्स फिल्म निर्माताओं को खूब भा रहीं हैं। इनमें मिंटो हॉल, मोती महल, गौहर महल, सदर मंजिल, पुतलीघर, इस्लाम नगर, बेनजीर पैलेस शामिल हैं। हाल ही में नवाब कालीन गोलघर रिनोवेट हुआ है, जिसके बाद यहां भी शूटिंग्स हो रही हैं। वहीं प्रदेश की नई लोकेशन्स की बात करें तो अब बुरहानपुर, दतिया और नरसिंहगढ़ के किले और प्राचीन स्थल डायरेक्टर्स देख रहे हैं ताकि कुछ प्रोजेक्ट्स की शूटिंग यहां शुरू की जा सकें।

मेकर्स को लुभा रहीं भोपाल की ये लोकेशन्स

हेरिटेज वाली जगहों पर पिछले एक साल में अकेले भोपाल में 26 प्रोजेक्ट शूट हए हैं। इसमें ऐतिहासिक लोकेशन्स में शामिल मिंटो हॉल, मोती महल, सिकंदरी दरवाजा, इस्लाम नगर, बेनजीर पैलेस, गौहर महल, नूर महल, ताजुल मसाजिद सहित भोपाल के अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर शूटिंग की गई। इसके अलावा प्रदेश की बात करें तो यहां पर ओरछा, खजुराहो, चंदेरी, महेश्वर, मांडू, ग्वालियर, सांची, रायसेन, सीहोर सहित नर्मदा अंचल में कई ऐसी ऐतिहासिक लोकेशन्स हैं, जो कि शूटिंग के लिए प्रोडक्शन हाउसेस की पसंद बनी हुई हैं।

प्रदेश में इन लोकेशन्स को पसंद कर रहे फिल्म निर्माता

भोपाल से बाहर के जिलों की बात करें तो सीहोर, रायसेन, खरगोन, अशोकनगर, छतरपुर, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम आदि जिलों में भी हेरिटेज प्लेस की भरमार है, जो कि मेकर्स को पसंद आ रही हैं। इनमें सीहोर जिले में पुरानी निजामत, सलकनपुर मंदिर, बुधनी के पास नर्मदा नदी का जोशीपुर घाट शामिल हैं। वहीं उज्जैन में महाकाल मंदिर, महाकाल लोक सहित अन्य मंदिर, अशोकनगर में चंदेरी का किला, छतरपुर में खजुराहो, रायसेन में सांची का स्तूप, भीमबेटका, रायसेन का किला और भोजपुर मंदिर, नर्मदापुरम में सेठानी घाट, खरगोन में महेश्वर और इंदौर में राजवाड़ा पैलेस भी मेकर्स को लुभा रहे हैं।

फिल्मों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही पहचान

प्रदेश में कई ऐतिहासिक स्थल हैं। हमारा उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से देश के लोगों को प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों को दिखाना है, जिससे प्रदेश के पर्यटन स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जा सके। – युवराज पडोले, उप संचालक मप्र पर्यटन विभाग (फिल्म)

खोजी जा रहीं अनसीन हिस्टोरिकल लोकेशन्स

फिल्म मेकर्स को अपने प्रोजेक्ट्स में लोगों को दिखाने के लिए काफी नई जगहें प्रदेश में मिल रही हैं। नई जगहों को लोग फिल्मों में देखते हैं तो घूमने के लिए आना चाहते हैं। वहीं बुरहानपुर, नरसिंहगढ़ और दतिया की हिस्टोरिकल लोकेशन्स को भी फिल्मों की शूटिंग के लिए एक्सप्लोर किया जा रहा है। – जैद अली, लाइन प्रोड्यूसर

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