
डिंडौरी। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के मौसम में डिंडौरी के दर्जनों गांवों में भीषण जलसंकट है। लाखों की लागत से सरकार की नल जल योजना के तहत टंकी का निर्माण, पाइप लाइन एवं घरों में नल कनेक्शन तो कर दिए गए हैं पर खामियों से कई गांवों में यह योजना ठप पड़ी हुई है। लेकिन, बैगा आदिवासी गांव दलदल कपोटी में तैयार नल जल योजना बिजली व मोटर के बिना पांच साल से अनवरत गांव वालों की प्यास बुझा रही है। इसका कारण जंगल के प्राकृतिक जलस्रोत से गांव में पानी पहुंचने का सिस्टम तैयार करना है। इसके लिए ग्रामीणों ने एक एनजीओ के सहयोग से खुद के लिए नल जल योजना तैयार की है।
समस्या सुलझाने का लिया संकल्प
ग्राम पंचायत चकमी के सरपंच निर्भय तेकाम ने बताया कि करीब पांच साल पहले गांव में पानी की बहुत समस्या थी। इससे निपटने के लिए ग्रामीणों ने पानी घरों तक पहुंचाने का संकल्प लिया था। प्राकृतिक जलस्रोत के पास कांक्रीट का टैंक बनाया गया, कुछ दूरी पर एक फिल्टर भी बनाया। इस काम के लिए गांव के प्रत्येक सदस्य ने सौ-सौ रुपए चंदा जुटाया। ग्रामीणों ने पाइप लाइन के लिए गड्ढा खोदा एवं घरों में स्टैंड पोस्ट भी खुद बनाए। इस प्रकार गांव वालों की मेहनत व संस्था के सहयोग से हमेशा के लिए जलसंकट से निजात मिल गई।
सब्जियां भी उगाते हैं
स्थानीय बैगा महिलाएं बुधवरिया, महकी, गेंदा, केशकली ने बताया कि हमें हर वक्त भरपूर पानी मिलता है। इससे हरी सब्जियां भी उगाते हैं। गांव के स्कूल में पदस्थ शिक्षक सहज लाल ने भी ग्रामीणों द्वारा संचालित योजना की तारीफ की है।
नागपुर के एनजीओ के मार्गदर्शन में हमने ग्रामवासियों के सहयोग से प्राकृतिक जल स्रोत के पानी को पाइपलाइन से घर-घर तक पहुंचाया। अब दलदल कपोटी गांव में भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है। -निर्भय नेताम, सरपंच, चकमी