इंदौरताजा खबरमध्य प्रदेश

UJJAIN NEWS : महज डेढ़ मिनट में बैंक डिपॉजिट मशीन से 23 लाख की चोरी, मेंटेनेंस करने वाला ही निकला चोर, दो अरेस्ट, रकम बरामद

- दोस्त के साथ मिलकर की वारदात, एक दिन पहले ही गया था कैश भरने

उज्जैन। बैंक ऑफ इंडिया की एक डिपॉजिट मशीन से 22 लाख 93 हजार रुपए की हैरतअंगेज चोरी के मामले में पुलिस ने दो शातिरों को हिरासत में लिया है। दोनों के कब्जे से पुलिस ने चोरी की गई नकदी भी बरामद कर ली है। ठेठ फिल्मी अंदाज में की गई इस वारदात का मास्टरमाइंड इस मशीन का मेंटेनेंस करने वाला ही निकला। जल्द अमीर बनने की चाह में उसने अपने साथी की मदद से इस वारदात को अंजाम दिया था।

7 दिन बाद मिली बैंक ने दर्ज कराई FIR

जिले के खाचरोद थाना क्षेत्र में बैंक ऑफ इंडिया की डिपॉजिट मशीन से शोल्डर सर्फिंग के जरिए 22 लाख 93 हजार 100 रुपए चोरी हो गए थे। ये वारदात वैसे तो 29 जुलाई को ही थी, लेकिन इसकी भनक बैंक प्रबंधन को 3 अगस्त को लगी। लाखों की इस चोरी के 2 दिन बाद बैंक के ब्रांच मैनेजर ने पुलिस को शिकायत की। इस दौरान बैंक ने खुद इस मामले को सुलझाने का प्रयास करते हुए डिपॉजिट मशीन के नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। जब बैंक को अपने स्तर पर सफलता नहीं मिली तो 5 अगस्त को मामला पुलिस तक पहुंचा, जिसने महज 12 घंटे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी गया कैश बरामद कर लिया।

https://x.com/psamachar1/status/1820746473861972075

कैमरों पर ब्लैक स्प्रे, 90 सेकंड में चोरी कंप्लीट

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 3 अगस्त को जब बैंक की टीम अपनी रुटीन विजिट पर ई-गैलरी में लगी इस मशीन की जांच के लिए पहुंचे, तो डिपॉजिट मशीन का पासवर्ड वाला हिस्सा नहीं था और मशीन में लोड की गईं रुपयों से भरी 4 कैसेट गायब थीं। जब बैंक प्रबंधन ने कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक की तो सामने आया कि 29 जुलाई की देर रात 1 से 2 के बीच 2 लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया था। ये दोनों शख्स काले रंग का हेलमेट और रेनकोट पहनकर ई-गैलरी में पहुंचे। इनमें से एक ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरों पर काले रंग का स्प्रे किया। इसके बाद डिपॉजिट मशीन से रुपए चुरा लिए। उस रात डिपॉजिट मशीन से कुल 22 लाख 93 हजार 100 रुपए की चोरी हुई।

पुलिस ने महज 12 घंटे में सुलझा दी गुत्थी

उज्जैन एसपी के अनुसार, प्रदीप शर्मा ने बताया कि जैसे ही पुलिस को लाखों रूपए की चोरी की जानकारी बैंक प्रबंधन ने दी। तत्काल पुलिस की टीम ने तफ्तीश शुरू करते हुए संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाई। जिस अंदाज में महज 90 सेकंड के भीतर ही चोरी की पूरी वारदात हुई, उससे ये तो साफ था कि यह वारदात डिपॉजिट मशीन के किसी एक्सपर्ट के द्वारा ही की गई है। ऐसे में पुलिस ने डिपॉजिट जमा करने वाले लोगों की डिटेल खंगाली। बैंक कर्मियों से पूछताछ के दौरान सामने आया कि 26 जुलाई को मेंटेनेंस करने वाली कंपनी की तरफ से रितुराज सिंह को बुलाया गया था। इसके बाद पुलिस ने जब उसे हिरासत में लिया तो चोरी की वारदात की कहानी प्याज के छिलकों की तरह सामने आ गई।

मेंटेनेंस करने वाला ही निकला मास्टर माइंड

रितुराज को जब पुलिस ने घिनोदा में एक चाय की दुकान से घेराबंदी कर पकड़ा तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। रितुराज ने अपने दोस्त शुभम जोशी के भी चोरी में साथ होने की जानकारी पुलिस को दी। इसके साथ ही रितुराज ने बताया कि रुपए निकालने के बाद उसने रुपयों को बगैर गिने ही नोटों से भरा बैग आगर मालवा में अपने रिश्तेदार के यहां छिपा रखा है। इसके बाद पुलिस ने शुभम को भी अरेस्ट करते हुए चोरी गई पूरी रकम बरमाद कर ली। रितुराज ने बताय़ा कि 26 जुलाई की शाम 5 बजे बैंक कर्मियों के सामने डिपॉजिट मशीन को ठीक करने गया था। उस समय बैंक के स्टाफ ने पासवर्ड के जरिए मशीन खोली थी। उसी समय रितुराज ने पासवर्ड देख लिए थे। बाद में उसने पासवर्ड को नोट भी कर लिया था। उसी पासवर्ड के जरिए रितुराज ने अपने दोस्त शुभम के साथ मिलकर मशीन खोलकर रुपए चुरा लिए। मास्टर माइंड रितुराज ने बताया कि खुद की पहचान छिपाने के लिए वह अपने दोस्त के साथ काले रंग के रैनकोट और हेलमेट पहनकर ई-गैलरी में दाखिल हुआ था और कैमरों पर भी काले रंग का स्प्रे कर दिया था।

ये भी पढ़ें- Khandwa News : देवर-भाभी ने जंगल में एक ही साड़ी का फंदा बनाकर लगा ली फांसी, दे दी जान, तीन दिनों से थे लापता

संबंधित खबरें...

Back to top button