
भोपाल। राजधानी की 12 वर्षीय बच्ची साउथ कोरियन बैंड ‘बीटीएस’ की ऐसी फैन बनी कि उसकी पूरी लाइफ स्टाइल पर असर नजर आने लगा। दिक्कत तब शुरू हुई जब बीटीएस का ग्रुप टूटने पर आहत होकर बच्ची ने उनका म्यूजिक सुनना बंद कर दिया। म्यूजिक न सुनने के बाद भी उसे म्यूजिक बजने का आभास होता। क्लास में भी उसे म्यूजिक सुनाई देता था। इससे बच्ची अवसाद में जाने लगी और घंटों खुद को कमरे में बंद रखने लगी। जब माता-पिता इस बारे में पता चला तो उन्होंने काउंसलर की मदद ली। बच्ची करीब 20 दिन से अलग तरह का व्यवहार कर रही थी। शहर के काउंसलर बताते हैं कि इन दिनों बच्चे विभिन्न म्यूजिक ग्रुप या सोशल मीडिया इंμलूएंसर से इतने प्रभावित हैं कि उन्हें देख या सुन न पाने पर वे नकारात्मकता का शिकार हो जाते हैं।
यह डिजिटल नशा है। बच्चे धीरे-धीरे इसके आदि हो जाते हैं। जब उन्हें ये म्यूजिक सुनने से रोका जाता है तो उनके बिहेवियर में चेंज दिखता है। बच्चों को मोबाइल देने से बचें। – डॉ. दीप्ति सिंघल, काउंसलर