नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा के 12 सांसदों को उनके बर्ताव के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये सांसद अब सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। सभी निलंबित सांसद आज उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर माफी मांग सकते हैं। वहीं विपक्ष ने इस निलंबन को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं, सभी दल इसकी निंदा करते हैं। आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों ने आज सुबह 10 बजे बैठक बुलाई है। आशंका जताई जा रही है कि विपक्ष पूरे सत्र से दूरी बना सकता है।
टीएमसी नहीं होगी शामिल
कांग्रेस द्वारा बुलाई गई 13 विपक्षी दलों की बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं होगी। पार्टी की ओर से अलग से बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने बताया कि 12 निलंबित सांसदों में से दो सांसद टीएमसी के भी हैं, इसलिए पार्टी आगे की रणनीति तैयार करेगी।
11 अगस्त को क्या हुआ था
11 अगस्त को इंश्योरेंस बिल पर राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था। विपक्षी सांसद टेबल पर खड़े हुए, कुर्सियों पर फाइल फेंकी, राज्यसभा के कर्मारियों के कार्य में बाधा डाला, कुछ सांसदों का व्यवहार हिंसक था। हालात यहां तक पहुंचे के उग्र सांसदों पर काबू पाने के लिए मॉर्शल तक बुलाने पड़े। सांसदों के इस कृत्य को सभापति वेंकैया नायडू ने शर्मसार करने वाला बताते हुए कहा था कि लोकतंत्र के मंदिर को अपमानित किया गया है। हंगामे पर केंद्र सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माफी की मांग की थी।
इन्हें किया गया था निलंबित
प्रियंका चतुर्वेदी, डोला सेन, एलमारन करीमस फूलो देवी नेताम, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, छाया वर्मा, बिनॉय विश्वम, शांता क्षेत्री और अनिल देसाई शामिल थे। निलंबित सांसदों का कहना था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। वो सिर्फ अपनी बात रख रहे थे। साजिशन उन्हें बोलने से रोका गया।