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जबलपुर संभाग में 1.24 लाख बैगा, इनमें से 68 हजार के बने आयुष्मान कार्ड

मंडला में सबसे ज्यादा आदिवासी, कार्ड बनाने का काम 70 फीसदी तक पूरा

हर्षित चौरसिया, जबलपुर। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभ के लिए जरूरी आयुष्मान कार्ड के लिए अब संभाग में पहली प्राथमिकता के आधार पर आदिवासियों को खोजा जा रहा है। साथ ही खोजने के बाद इनके आयुष्मान कार्ड तैयार करने का काम भी किया जा रहा है। संभाग में 1 लाख 24 हजार से अधिक आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 68 हजार से अधिक आदिवासियों के कार्ड बन चुके है। बताया जाता है कि संभाग के मंडला जिले में 48 हजार 376 आदिवासी हैं। यहां पर 40 हजार 300 से ज्यादा लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। मंडला ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक आदिवासी है। वहीं डिंडौरी जिले में 24 हजार से अधिक का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन यहां पर सिर्फ 15 फीसदी ही आदिवासियों के कार्ड बने हैं।

दो विभाग मिलकर कर रहे काम, रोज हो रही मॉनीटरिंग

आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पहले ट्रायबल विभाग से सर्वे कराया गया है। इस सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग को आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी है। इस काम की मॉनीटरिंग सीधे भोपाल मुख्यालय से की जा रही है। लिहाजा अधिकारी हर जिले से डेली आयुष्मान कार्ड रिपोर्ट बुला रहे हैं।

फैक्ट फाइल

जिले का नाम      लक्ष्य          उपलब्धि
1. मंडला             48376         40294
2. बालाघाट         27031         12257
3. जबलपुर          7978           7174
4. डिंडौरी            24144         2710
5. कटनी             828             651
6. छिंदवाडा         14160         3775
7. नरसिंहपुर        2255           1291
कुल 7 जिले- लक्ष्य 1,24,772/
उपलब्धि – 68,149

संभाग के जिलों के आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है। जो जिले लक्ष्य से पीछे हैं, वहां तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। जबलपुर मुख्यालय में 90 फीसदी तक कार्ड बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। -डॉ. संजय मिश्रा रीजनल हेल्थ डायरेक्टर, जबलपुर

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