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वाह इंदौर पुलिस – नाबालिग का हुआ अपहरण तो, जान बचाकर पहुंची थाने पुलिस ने पूछा – गाड़ी नंबर बताओ, कुछ बताओ हम कैसे एफआईआर दर्ज करे

इंदौर – वैसे तो पुलिस के लिए कुछ भी कहे वो कम हैं। लेकिन किसी नाबालिग  के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश हैं कि उन्हे पहले गुमकशुदगी दर्ज कर उसके बाद जल्द नाबालिग   की खोज बिन करना चाहिए। लेकिन इंदौर पुलिस इससे भी आगे हैं। राजेन्द्र नगर में चलती गाड़ी में एक 15 सालों की नाबालिग   का अपहरण हुआ,बच्ची अपनी समझदारी से जैसे-तैसे जान बचाकर भाग निकली।लेकिन उसके परिवार बच्ची को जब थाने लेकर पहुंचे तो पुलिस अधिकारियों द्वारा उस बच्ची की बात सुनना तो दूर उलटे उससे इतने सवाल कर दिए कि परिवार ने रिपोर्ट लिखाने से अच्छा उस बच्ची को घर ले जाना ही उचित समझा।

क्या  बोला थाने पर उसे  “थाने के एसआई मनोहर सिंह ने बात की। उन्होंने लड़की से पूछा कि महिला को, पुरुष को जानते हो, किसी का मोबाइल नंबर है क्या, कार का नंबर है क्या, जब लड़की ने मना किया तो एसआई ने बोला कि फिर हम एफआईआर किसके खिलाफ करें। इस पर लड़की घबरा गई। फिर मामला ऊपर तक गया और अधिकारियों को शिकायत की गई। इसके बाद यह केस दर्ज हुआ।”

जाने पूरा मामला –

इंदौर में दिनदहाड़े आठवीं में पढ़ने वाली 15 साल की एक लड़की के अपहरण की कोशिश की हुई है। उसे एक काले रंग की कार में बैठाकर एक महिला और पुरुष ले गए। बाद में लड़की अपनी सूझ-बूझ से उनके चंगुल से बच गई और बाद में घर पर घटना बताई। इसके बाद राजेंद्रनगर पुलिस में केस दर्ज हुआ है। लड़की ने पुलिस को बताया कि वह गर्मी की छुट्टी के चलते शुभम पेट्रोल पंप के पास केट रोड स्थित शियान वंचर फैक्ट्री में काम करने जाती हूं। दो जून दोपहर दो बजे फैक्ट्री खाना खाने के लिए घर आई और फिर ढाई बजे वापस फैक्ट्री जा रही थी। तभी शुभम पेट्रोल पंप के पास एक काले रंग की कार मेरे पास आकर रूकी और एक महिला बाहर आई, जिसकी उम्र करीब 30-35 साल होगी। महिला ने मुंह दबाकर कार के बीच वाली सीट पर बैठा लिया, इस दौरान मैं बेहोश हो गई। कुछ देर बाद होश आया तो कार रेती मंडी चौराहे के पास खड़ी थी, एक महिला और पुरुष बात कर रहे थे। तभी मौका देखकर मैं भाग निकली। मैं कार का नंबर नहीं देख सकी। घर आकर मम्मी और पापा को घटना बताई।

राजेंद्रनगर पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों पर बीएनएस की धारा 137 (2) और 62 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है और आसपास के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं जिससे कार का नंबर पता चल सके। इस मामले में एक बार फिर पुलिस की गैर संवेदनशीलता सामने आई।

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