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आखिर क्यों हो रहा है हमारे ब्रह्मांड का विस्तार, डार्क एनर्जी का इफेक्ट या फिर नए ब्रह्मांडों से टक्कर है इसकी वजह? जानिए सच्चाई..!

हमारा ब्रह्मांड लगातार तेजी से फैल रहा है, लेकिन वैज्ञानिक अब भी इसका कारण नहीं समझ पाए हैं। कुछ का मानना है कि ब्रह्मांड में मौजूद रहस्यमयी पदार्थ ‘डार्क एनर्जी’ इसके पीछे जिम्मेदार है। लेकिन अब एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। नई रिसर्च के मुताबिक यह संभव है कि हमारा ब्रह्मांड छोटे-छोटे और नए बने ब्रह्मांडों से टकराकर उन्हें अपने में मिलाकर फैल रहा है।

स्टैंडर्ड कॉस्मोलॉजिकल मॉडल की थ्योरी में बदलाव..?

अभी तक यूनिवर्स के विस्तार को समझाने के लिए ‘स्टैंडर्ड कॉस्मोलॉजिकल मॉडल’ नामक सिद्धांत का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस सिद्धांत में डार्क एनर्जी के असर को सीधे तौर पर नहीं देखा जा सकता। यही वजह है कि कुछ वैज्ञानिक इस सिद्धांत पर सवाल उठाते हुए ब्रह्मांड के फैलाव के दूसरे कारणों की खोज में जुटे हैं। हाल ही हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि इसकी वजह लगातार दूसरे ब्रह्मांडों से टकराना भी हो सकती है। इस अध्ययन से जुड़े जान एंबजॉर्न का कहना है कि “हमारा शोध बताता है कि ब्रह्मांड के फैलने का कारण शायद डार्क एनर्जी न हो, बल्कि छोटे ब्रह्मांडों से टकराना हो सकता है। उनके मुताबिक ये नया रिसर्च मॉडल ब्रह्मांड के विस्तार को समझाने में मौजूदा सिद्धांत से बेहतर काम करता है।”

‘कॉस्मोलॉजिकल इन्फ्लेशन’ का नया समाधान आया सामने

इस अध्ययन में ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में हुए बहुत तेजी से फैलने की गुत्थी को भी सुलझाने की कोशिश की गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों में यह बहुत तेजी से फैला था, जिसे ‘कॉस्मोलॉजिकल इन्फ्लेशन’ कहते हैं। इस तेजी से फैलने का कारण माना जाता है कि एक खास तरह का क्षेत्र (इन्फ्लैटन फील्ड) था। लेकिन नए अध्ययन में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तेजी से फैलना असल में हमारे छोटे ब्रह्मांड के किसी बड़े ब्रह्मांड से टकराने की वजह से हुआ होगा। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि कैसे दूसरे ब्रह्मांडों से टकराने से हमारे ब्रह्मांड का दायरा (आयतन) बढ़ सकता है। उन्होंने यूनिवर्स के फैलने की दर की गणना भी की है।

माइक्रोवेव बैकग्राउंड की हो रही जांच

हालांकि हाल ही में हुई ये रिसर्च अभी शुरूआती दौर में है लेकिन इसे सही साबित करने के लिए और प्रमाणों की जरूरत है। वैज्ञानिक अभी ब्रह्मांड के माइक्रोवेव बैकग्राउंड का अध्ययन कर रहे हैं और उम्मीद है कि निकट भविष्य में ही इस रहस्य का खुलासा हो सकेगा। तो क्या हमारा ब्रह्मांड वाकई में दूसरे ब्रह्मांडों को खाकर बढ़ रहा है? इसका जवाब पाने के लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा!

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