
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वक्फ इस्लाम का मूल या अनिवार्य हिस्सा नहीं है, बल्कि यह केवल एक दान की प्रक्रिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी कि जैसे ईसाई धर्म में चैरिटी, हिंदू धर्म में दान और सिख धर्म में सेवा की परंपरा है, वैसे ही इस्लाम में वक्फ की परंपरा है।
वक्फ का धर्म से नहीं, दान से संबंध
सरकार की तरफ से पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वक्फ एक इस्लामी विचार जरूर है, लेकिन इसे इस्लाम का धार्मिक मूल हिस्सा नहीं माना जा सकता। यह केवल दान देने का एक तरीका है, न कि कोई अनिवार्य धार्मिक कर्तव्य। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड धार्मिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष कामकाज करते हैं। इसके विपरीत मंदिर एक धार्मिक संस्था है, जिसे कोई मुस्लिम व्यक्ति भी प्रबंधित कर सकता है।
वक्फ-बाय-यूजर प्रावधान समाप्त
सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब नए कानून में वक्फ-बाय-यूजर का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि अब केवल लंबे धार्मिक उपयोग के आधार पर किसी संपत्ति को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से सरकारी जमीन पर कोई स्थायी अधिकार नहीं बन सकता और सरकार उसे पुनः प्राप्त कर सकती है, भले ही वह वक्फ घोषित कर दी गई हो।
सरकारी जमीन पर सरकार का हक
सरकार ने स्पष्ट किया कि यदि कोई वक्फ संपत्ति सरकारी भूमि पर है, तो सरकार के पास उसे वापस लेने का पूरा कानूनी अधिकार है। यह कोई मौलिक अधिकार नहीं है, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
1923 की समस्याओं का समाधान
सरकार ने कहा कि वक्फ से जुड़ी समस्याएं, जो ब्रिटिश काल से चली आ रही थीं, अब नए कानून से हल की जा चुकी हैं। इस प्रक्रिया में 96 लाख सुझाव प्राप्त हुए और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की 36 बैठकें हुईं। सरकार ने कहा कि कुछ याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समुदाय की राय का दावा नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संसद से पारित किसी भी कानून को तब तक संवैधानिक माना जाता है, जब तक उसके खिलाफ कोई बहुत स्पष्ट और गंभीर मामला न हो। सीजेआई बीआर गवई ने याचिकाकर्ता कपिल सिब्बल से कहा कि अंतरिम राहत के लिए एक मजबूत और स्पष्ट मामला बनाना होगा।
सुनवाई को तीन मुद्दों तक सीमित रखने की मांग
केंद्र सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया कि सुनवाई केवल तीन प्रमुख बिंदुओं तक सीमित रखी जाए,
- वक्फ-बाय-यूजर सिद्धांत की वैधता
- वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति
- सरकारी जमीन को वक्फ घोषित करने की प्रक्रिया
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