
नई दिल्ली। मोदी सरकार अब वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करने जा रही है। कैबिनेट मीटिंग में संशोधित बिल को लेकर विस्तार से चर्चा की जा चुकी है। इस एक्ट में बड़े संशोधन को लेकर 5 अगस्त को संसद में बिल पेश किया जाएगा। संसद में इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती होगी।
एक्ट में 40 संशोधनों पर मुहर लगाई गई है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। वक्फ एक्ट 1954 में बनाया गया था। यह एक्ट वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रखरखाव को लेकर बना था, जिसके बाद से नियमों में बदलाव भी हुए।
मोदी सरकार में 5 अगस्त का विशेष महत्व
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है। मोदी सरकार में 5 अगस्त की तारीख विशेष महत्व रखती है।
- 5 अगस्त 2019 : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का बिल संसद पेश किया गया था।
- 5 अगस्त 2020 : अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पीएम मोदी द्वारा किया गया था।
इन संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है सरकार
- विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव।
- किसी भी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी हो जाएगा।
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना।
- वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन, बोर्ड की संरचना में बदलाव की संभावना है।
- निकायों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव।
- बिल में राज्य वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली विवादित जमीनों का नए सिरे से सत्यापन कराने का भी प्रस्ताव है।
वक्फ बोर्ड पर नए बिल से क्या प्रभाव पड़ेगा
देश में रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद वक्फ बोर्ड तीसरी सबसे ज्यादा जमीन पर मालिकाना हक रखने वाली संस्था है। नए संशोधनों के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और मनमानी पर रोक लगेगी। पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी।
क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है। वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है। वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है। संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे का हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं।
1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया, सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की। 1995 में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया। वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से उत्पन्न आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए।
वक्फ बोर्डों के पास हैं 8.7 लाख संपत्तियां
देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं। वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है। 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने बेसिक वक्फ एक्ट में संशोधन लाकर वक्फ बोर्डों को और अधिकार दिए थे।
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