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वक्फ बिल पर लोकसभा में बड़ा निर्णय कल, भाजपा और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप, सांसदों को उपस्थित रहने के निर्देश

नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार (2 अप्रैल) को वक्फ संशोधन विधेयक पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण विधेयक को लेकर भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी समेत पार्टियों ने अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। भाजपा ने अपने सभी राज्यसभा सदस्यों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।

भाजपा का व्हिप और रणनीति

भाजपा ने सभी सांसदों को 2 अप्रैल को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। पार्टी ने अपने व्हिप में स्पष्ट किया है कि इस दिन लोकसभा में महत्वपूर्ण विधायी कार्य किया जाएगा, जिसमें वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करना प्रमुख रहेगा।

सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू विधेयक पर जवाब देंगे और इसे पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे। यह मामला कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी चर्चा का विषय रहा है। पिछले साल सरकार ने इस विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा था।

कांग्रेस और विपक्ष की तैयारी

कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को अगले तीन दिनों तक लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज शाम 6 बजे इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, राकांपा की सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।

बैठक में द्रमुक के टी आर बालू, तिरुचि शिवा और कनिमोई, राजद के मनोज कुमार झा, माकपा के जॉन ब्रिटास, भाकपा के संदोष कुमार पी, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और वाइको भी उपस्थित थे। विपक्ष ने इस विधेयक पर एकजुट रणनीति तैयार की है।

8 घंटे चर्चा का समय निर्धारित

वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस बिल पर 8 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया है। इसके बाद बिल को लोकसभा में पास किया जाएगा। NDA को बहस में बोलने के लिए 4 घंटे 40 मिनट का समय मिला है। बाकी के वक्त विपक्ष के नेता बोलेंगे।

लोकसभा में चर्चा के बाद इस विधेयक पर मतदान होगा। भाजपा को अपने बहुमत का भरोसा है, जबकि विपक्ष इस विधेयक का विरोध करने की रणनीति बना रहा है। राज्यसभा में भी बहुमत के समीकरण को लेकर दोनों पक्ष सतर्क नजर आ रहे हैं।

लोकसभा में सांसदों का गणित

  • विधेयक पारित करने के लिए लोकसभा में 272 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है।
  • 542 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा के पास 240 सांसद हैं, लेकिन एनडीए के अन्य दलों (जेडीयू, टीडीपी, अपना दल आदि) को
  • मिलाकर कुल 293 सांसदों के साथ भाजपा गठबंधन बहुमत में है।
  • विपक्षी दलों में कांग्रेस के 99 सांसद हैं और इंडिया ब्लॉक के अन्य दलों को मिलाकर इनकी संख्या 233 तक पहुंचती है।

राज्यसभा में स्थिति

  • राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए 119 मतों की जरूरत होती है।
  • 236 सदस्यों वाली राज्यसभा में भाजपा के पास 98 सांसद हैं, लेकिन एनडीए गठबंधन की कुल संख्या 115 है। इसके अलावा 6
  • मनोनीत सदस्य आमतौर पर सरकार का समर्थन करते हैं, जिससे संख्या 121 तक पहुंच जाती है।
  • विपक्षी गठबंधन के पास कुल 85 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 27 और इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के 58 सांसद शामिल हैं।
  • अन्य दलों में वाईएसआर कांग्रेस के 9, बीजू जनता दल के 7, एआईएडीएमके के 4 और निर्दलीय व छोटे दलों के 3 सांसद शामिल हैं।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?

वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार लाने के उद्देश्य से वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे वक्फ बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और संपत्तियों के उपयोग में सुधार होगा।

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