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टेंडर में अटके स्टेंट, हमीदिया अस्पताल में 2 माह से मरीजों की एंजियोप्लास्टी बंद

80 से 90 फीसदी तक ब्लॉकेज वाले मरीजों के भी नहीं हो पा रहे ऑपरेशन

भोपाल । हमीदिया अस्पताल में दो माह से एंजियोप्लास्टी बंद है। यहां आने वाले स्टेंट नए और पुराने टेंडर में अटक गए हैं। दरअसल, पुराना टेंडर खत्म होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने नया टेंडर कर दिया है। नई कंपनी सामान उपलब्ध नहीं करा पा रही है। जानकारी के मुताबिक, एंजियोप्लास्टी मेंं उपयोग होने वाला सारा सामान जैसे-स्टेंट, कैथेटर, बलून और वायर अब तक अमृत फार्मेसी से लिए जा रहे थे। टेंडर अवधि खत्म होन के बाद नए टेंडर के लिए लो कॉस्ट टेंडर वाली नई कंपनी को अनुबंधित किया गया।

कंपनी का दावा था कि वह सीधे विभाग को ही स्टेंट और अन्य सामान की सप्लाई करेगी, जिससे परसेंटज ऑफ डिस्काउंट ज्यादा होगा और स्टेंट की कीमत कम हो जाएगी। लेकिन अब कंपनी ने सामान की सप्लाई से हाथ खींच लिए हैं। ऐसे में एक बार फिर अृमत फार्मेसी से स्टेंट खरीदने की तैयारी हो रही है। हालांकि इसमें भी 15 दिन का समय लगेगा।

केस -1

होशंगाबाद जिले के मुकेश जादौन के पिता के हार्ट में करीब 85 फीसदी ब्लॉकेज है। डॉक्टर ने एंजियोप्लास्टी (स्टेंट डालने) की सलाह दी है। वे करीब सप्ताह भर पहले हमीदिया आए, तो पता चला कि फिलहाल एंजियोप्लास्टी नहीं हो रही। डॉक्टरों ने बताया कि स्टेंट नहीं है, ऐसे में वे कहीं और एंजियोप्लास्टी करा लें। इस बीच घर में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई, तो परिजनों ने मजबूरन निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया।

केस -2

शाहजहांनाबाद के मोहम्मद यूनुस के ससुर मो. परवेज को भी करीब 90 फीसदी तक ब्लॉकेज है, लेकिन उनका भी ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। हमीदिया में सामान नहीं मिला तो वे खुद बाजार से स्टेंट और अन्य जरूरी सामान खरीदकर लाए और एंजियोप्लास्टी कराई। ऐसी स्थिति हमीदिया अस्पताल के कार्डियक विभाग में आने वाले दो दर्जन से ज्यादा मरीजों की है, जिनका ऑपरेशन होना है, लेकिन स्टेंट उपलब्ध नहीं है।

सर्जरी के लिए सबसे जरूरी मशीन के लिए किट भी खत्म

स्टेंट ही नहीं, दिल की सर्जरी के पहले ऑटोमेटिक ब्लड गैस एनालाइजर (एबीजी) मशीन से मरीज की ब्लड गैस समेत करीब 20 तरह की जांचें की जाती हैं। एक बूंद खून में दो मिनट के भीतर यह जांचें हो जाती हैं। एबीजी मशीन लगातार बंद हो जाती है। इसका प्रमुख कारण जरूरी किट बार-बार खत्म हो जाती है।

क्या है एंजियोप्लास्टी?

एंजियोप्लास्टी सर्जिकल प्रक्रिया है, इसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है। इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी ऑर्टरीज भी कहते हैं। दिल का दौरा या स्ट्रोक के बाद इलाज के लिए डॉक्टर एंजियोप्लास्टी का ही सहारा लेते हैं। जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव बताते हैं कि अगर ब्लॉकेज ज्यादा है, तो जितनी जल्दी हो सके एंजियोप्लास्टी कराना बेहतर होता है। देरी करना जानलेवा हो सकता है।

निजी अस्पतालों में महंगी पड़ती है एंजियोप्लास्टी : हमीदिया अस्पताल में आयुष्मान मरीजों के लिए एंजियोप्लास्टी नि:शुल्क है, लेकिन सामान्य मरीजों के लिए स्टेंट 72 हजार रुपए का होता है। निजी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी का पैकेज 1.80 लाख से लेकर ढाई लाख तक होता है।

स्टेंट के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही स्टेंट आ जाएंगे। मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी। -डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल

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