
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान, C-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत के लिए रवाना हुआ। विमान को भारत पहुंचने में कम से कम 24 घंटे लगेंगे। ट्रंप प्रशासन ने अपनी इमिग्रेशन नीति के तहत सैन्य सहायता का इस्तेमाल करते हुए अवैध प्रवासियों को देश से बाहर करने के लिए यह कदम उठाया है।
हालांकि, इस उड़ान में कितने लोग सवार थे, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, यह अभियान बड़े पैमाने पर जारी रहेगा। जिसमें अतिरिक्त सैनिकों को मैक्सिको सीमा पर भेजना और सैन्य विमान का उपयोग शामिल है।
अमेरिका से 18 हजार भारतीयों की वापसी होगी
ट्रंप ने अमेरिका का सबसे बड़ा निर्वासन करने का वादा किया था, जिसके बाद इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (ICE) ने 15 लाख अवैध प्रवासियों की सूची तैयार की, जिसमें 18,000 भारतीय भी शामिल हैं। ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के बाद यह भारत के लिए पहला निर्वासन है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अमेरिकी में अवैध भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की थी। भारत ने इन प्रवासियों को वापस लेने पर सहमति दी थी और लगभग 18,000 भारतीयों की वापसी की बात की थी।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18 हजार भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है। ये लोग वहां बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं और अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने के लिए योग्य नहीं हैं।
ट्रंप के शासन में अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी में वृद्धि
ट्रंप ने सत्ता संभालने के पहले 11 दिनों में 25,000 से ज्यादा अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया। उनकी इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) टीम ने 12 राज्यों में छापे मारे, जिनमें ज्यादातर छापे रिपब्लिकन शासित राज्यों में थे। इस दौरान 1700 भारतीय अवैध प्रवासी हिरासत में लिए गए। ट्रंप के शासन में मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ की घटनाओं में 94% की कमी आई। बाइडेन के कार्यकाल के पहले 19 दिनों (1 से 19 जनवरी) में औसतन हर दिन 2087 घुसपैठ की घटनाएं हुईं, जबकि ट्रंप के शासन में 20 से 31 जनवरी के बीच यह आंकड़ा घटकर 126 हो गया।
प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे स्थान पर अल साल्वाडोर के प्रवासी हैं।
अमेरिका में पहला नागरिकता कानून और जनगणना
मार्च 1790 में अमेरिकी कांग्रेस ने पहला नागरिकता कानून पारित किया। जिसमें किसी भी ‘अच्छे चरित्र’ वाले स्वतंत्र श्वेत व्यक्ति को दो साल या उससे अधिक समय तक अमेरिका में रहने के बाद नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार दिया गया। इसके तहत गैर-श्वेत लोगों को बुनियादी संवैधानिक अधिकारों, जैसे वोट देने या संपत्ति रखने का अधिकार नहीं था।
अगस्त 1790 में पहली अमेरिकी जनगणना की गई, जिसमें 3.9 मिलियन लोगों में अंग्रेज सबसे बड़े जातीय समूह थे, जबकि पांच में से एक व्यक्ति अफ्रीकी मूल का था।
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