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अमेरिका में कर्ज डिफाल्ट का खतरा टला : राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र को किया संबोधित, डेट सीलिंग बिल की तारीफ की

वॉशिंगटन। अमेरिका का ऋण सीमा संकट टल गया है। US कांग्रेस यानी संसद की जनप्रतिनिधि सभा ने डेट सीलिंग बिल (ऋण सीमा को बढ़ाने वाला बिल) को मंजूरी दे दी है। वहीं शुक्रवार शाम को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसको लेकर ओवल कार्यालय से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि, संकट टल गया।

“एकता” ने इसे संभव बनाया : जो बाइडेन

राष्ट्रपति ने अपने पहले ओवल कार्यालय के संबोधन में कहा कि “एकता” ने इसे संभव बनाया है। जब मैं राष्ट्रपति के लिए खड़ा हुआ, तो मुझे बताया गया कि द्विदलीयता के दिन खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा, डेमोक्रेट्स, रिपब्लिकन अब एक साथ काम नहीं कर सकते। मैंने ऐसा मानने से इनकार कर दिया क्योंकि अमेरिका कभी भी इस तरह की सोच को नहीं दे सकता।”

अमेरिका के लिए राहत की खबर

अमेरिकी सीनेट ने 1 जनवरी, 2025 तक देश की ऋण सीमा को निलंबित करने के लिए बिल पारित कर दिया है। ऐसे में अमेरिकी संसद के एक सदन में ऋण सीमा बढ़ाने का बिल पास होना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में 149 रिपब्लिकन और 165 डेमोक्रेट्स द्वारा कानून के लिए मतदान करने के एक दिन बाद, बिल को 63-36 मतों से पारित किया गया। US कांग्रेस के बाद सीनेट में भी बिल को मंजूरी मिलने के बाद अगले 2 साल के लिए US की कर्ज सीमा को बढ़ा दी जाएगी।

डेट सीलिंग संकट क्या है?

अमेरिका में सरकार अपने खर्च को चलाने के लिए कर्ज लेती है। ये रकम US कांग्रेस यानी संसद तय करती है। दुनिया के कई देशों का बजट घाटे में चलता है, यानी टैक्स से जितनी आय होती है उससे ज्यादा खर्च होते हैं। इस बिल का भुगतान करने के लिए सरकार कर्ज लेती है। अमेरिका में 1960 से अब तक कर्ज की सीमा में 78 बार बदलाव किए जा चुके हैं।

आर्थिक संकट के पीछे की वजह

दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश ऐसी स्थिति में कैसे पहुंच गया। दरअसल, यह सीधे तौर पर कमाई और खर्चों से जुड़ा है। अमेरिका के खर्चे उसकी कमाई से ज्यादा हैं। अमेरिका जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज का बोझ बढ़ाता जा रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की कुल आमदनी 334 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है और खर्चे 564 लाख करोड़ रुपए है। इस तरह उसका कुल घाटा 229 लाख करोड़ से ज्यादा का है। ऐसे में अमेरिका खर्चों की वजह से कर्ज लेकर उसकी भरपाई करता है। 50-60 साल से अमेरिका में यही होता आया है।

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