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यमन के रास ईसा बंदरगाह पर अमेरिकी हमला, 74 लोगों की मौत, 171 घायल; हूती विद्रोहियों का दावा

यमन के रास ईसा तेल बंदरगाह पर गुरुवार देर रात (18 अप्रैल 2025) को अमेरिका की ओर से हवाई हमला किया गया। इस हमले में अब तक 74 लोगों की मौत हो गई और 171 लोग घायल हो गए हैं। यह जानकारी यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों ने दी है।

हूती समूह के अनुसार, यह हमला तब हुआ जब लोग बंदरगाह पर रात की शिफ्ट में काम कर रहे थे। अचानक हुए हमले से वहां अफरा-तफरी मच गई और कई मजदूर मलबे में दब गए।

हूतियों ने अमेरिका पर साधा निशाना

हूती विद्रोहियों ने इस हमले को निर्दोष लोगों पर हमला बताते हुए अमेरिका की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि अमेरिका जानबूझकर आम लोगों को निशाना बना रहा है।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने दी पुष्टि

अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कार्रवाई हूतियों के ईंधन स्रोत और अवैध फंडिंग को खत्म करने के लिए की गई है। सेना ने कहा कि इसका उद्देश्य यमनी नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि हूती आतंकियों की आर्थिक ताकत को कमजोर करना है।

वीडियो में दिखा तबाही का मंजर

हूती विद्रोहियों के चैनल ने हमले के बाद की ग्राफिक फुटेज जारी की, जिसमें बंदरगाह पर आग की लपटें, मलबा और लाशें बिखरी नजर आ रही हैं। अल मसीरा टीवी के मुताबिक, हमले के बाद इलाके में विस्फोटों की आवाजें और धुएं का गुबार देखा गया।

सऊदी रक्षा मंत्री की ईरान यात्रा के बीच हमला

यह हमला ऐसे समय हुआ जब सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान अल सऊद ईरान के दौरे पर पहुंचे। यह किसी सीनियर सऊदी नेता की दशकों में पहली ईरान यात्रा है। ईरानी मीडिया के अनुसार, प्रिंस खालिद ने ईरान के सैन्य प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी से मुलाकात की और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने पर चर्चा की।

ट्रंप प्रशासन ने शुरू किया नया अभियान

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 मार्च से हूतियों के खिलाफ एक नया सैन्य अभियान शुरू किया था। रास ईसा पर हुआ यह हमला अब तक की सबसे बड़ी और घातक कार्रवाई मानी जा रही है। इसमें एक ही दिन में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है।

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