
बिजनेस डेस्क। भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में तेजी से विकास जारी है। 2024 की दूसरी छमाही में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ट्रांजैक्शन में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर कुल 93.23 बिलियन लेनदेन तक पहुंच गई। फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर वर्ल्डलाइन की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई ट्रांजैक्शन के कुल मूल्य में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो 31 प्रतिशत बढ़कर 130.19 ट्रिलियन रुपए हो गया।
मोबाइल पेमेंट्स का दबदबा
मोबाइल पेमेंट्स में भी तेजी देखी गई है। इस अवधि में मोबाइल ट्रांजैक्शन की संख्या 88.54 बिलियन तक पहुंच गई, जो कि 41 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दर्शाता है। यह उछाल मोबाइल-फर्स्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशंस की ओर उपभोक्ताओं के बढ़ते झुकाव को दिखाता है। मोबाइल वॉलेट और डिजिटल बैंकिंग ऐप्स की सहज सुविधा और पहुंच इसकी बड़ी वजहें हैं।
क्यूआर कोड अपनाने में भारी इजाफा
डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन में यूपीआई क्यूआर कोड की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई क्यूआर कोड को अपनाने में 126 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। देश भर में अब 633.44 मिलियन क्यूआर कोड सक्रिय हैं, जिससे छोटे और स्थानीय व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को अपनाना आसान हुआ है।
पीओएस टर्मिनल का आंकड़ा 10 मिलियन पार
भारत में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों की संख्या 10 मिलियन का आंकड़ा पार कर चुकी है। बीते वर्ष की तुलना में इसमें 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल भुगतान के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में 36 प्रतिशत की वृद्धि
रिपोर्ट में एमपीओसी (मोबाइल पेमेंट ऑन कॉन्टैक्टलेस) सुरक्षा मानकों के कार्यान्वयन पर भी ध्यान दिया गया है। इससे डिजिटल भुगतान सुरक्षित हुआ है, जिसमें ऊंची कीमत वाली पेमेंट भी शामिल हैं। साथ ही, उपभोक्ताओं के खर्च करने के पैटर्न में भी बदलाव देखा गया है। क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो हाई-वैल्यू खरीदारी की ओर उपभोक्ताओं के बढ़ते रुझान को दर्शाता है। प्रीपेड कार्ड का उपयोग भी 35 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे लचीले भुगतान विकल्पों की बढ़ती मांग सामने आई है।
फास्टैग और अन्य डिजिटल ट्रांजैक्शन में हुई वृद्धि
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम फास्टैग में भी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और 103 मिलियन से अधिक फास्टैग जारी किए गए। उपभोक्ताओं के खर्च के पैटर्न के संदर्भ में, किराना स्टोर, रेस्तरां, फार्मेसी और सरकारी सेवाएं इन-स्टोर ट्रांजैक्शन के लिए टॉप कैटेगरी में रही हैं। इनका कुल ट्रांजैक्शन की मात्रा में 68 प्रतिशत और कुल ट्रांजैक्शन मूल्य में 53 प्रतिशत योगदान रहा।
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