
मध्यप्रदेश के रतलाम-नागदा रेल सेक्शन में तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी। यह सेक्शन 42 किलोमीटर लंबा है, जहां वर्तमान में केवल दो ट्रैक हैं। इन पर सुपरफास्ट और यात्री ट्रेनें संचालित होती हैं, जिससे मालगाड़ियों को कई बार घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। इस देरी के कारण मालगाड़ियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में पांच घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। नई लाइनें बनने के बाद मालगाड़ियों को समर्पित ट्रैक मिलेगा, जिससे उनके संचालन में तेजी आएगी। इससे यात्री ट्रेनों की समयबद्धता भी सुनिश्चित हो सकेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, रतलाम-नागदा सेक्शन की पंक्चुअलिटी फिलहाल 80% है, जो इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद 100% तक पहुंच सकती है।
दिल्ली-चेन्नई मालगाड़ी की यात्रा 15 घंटे घटेगी
महाराष्ट्र के व र्धा-बल्लारशाह सेक्शन में 79 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन बिछाई जाएगी। यह रूट देश के सबसे व्यस्त रेल मार्गों में से एक है। यहां से गुजरने वाली दिल्ली-चेन्नई मालगाड़ी को अभी करीब 45-50 घंटे लगते हैं, लेकिन नई लाइन बनने के बाद यह यात्रा 35 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इसके अलावा चेन्नई, बेंगलुरु से आने वाली राजधानी, तमिलनाडु और तेलंगाना एक्सप्रेस जैसी प्रमुख यात्री ट्रेनें भी अपने निर्धारित समय पर चल सकेंगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा
इन दोनों प्रोजेक्ट्स के पूरे होने के बाद सालाना लगभग 20 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी, जिससे 99 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन घटेगा। यह प्रभाव पर्यावरणीय दृष्टिकोण से काफी अहम है और इसे 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर माना जा रहा है। साथ ही, इन प्रोजेक्ट्स से 74 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।
बेहतर कनेक्टिविटी से 19.74 लाख लोगों को लाभ
रेल मंत्री ने जानकारी दी कि इन प्रोजेक्ट्स के जरिए देश के 784 गांवों की 19.74 लाख आबादी को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इससे न केवल लोगों की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि औद्योगिक ढुलाई, जैसे कोयला, सीमेंट, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम में भी तेजी आएगी।
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