पीपुल्स संवाददाता. भोपाल। ईंटखेड़ी इलाके में मंगलवार दोपहर हुए एक दर्दनाक हादसे में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। हलाली नदी के किनारे खेलने पहुंचे तीन दोस्त दलदल में पैर फिसलने के कारण नदी में डूब गए। नजर पड़ते ही मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने एक बच्चे को पानी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जिससे उसकी जान बच गई, जबकि दो मासूम बच्चों की पानी में डूबने के कारण मौत हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों का पीएम कराया और लाश परिजन को सौंप दी।
थाना प्रभारी सुनील चतुर्वेदी के मुताबिक ग्राम ईंटखेड़ी निवासी पर्व पुत्र कमलसिंह (9), शरद पुत्र मोहन (8) और अंशुल उर्फ युवराज पुत्र राधेश्याम (8) आपस में दोस्त थे। मंगलवार दोपहर करीब बारह बजे तीनों दोस्त शिवमंदिर के सामने स्थित हलाली नदी के घाट पर खेलने पहुंचे थे। कुछ देर तक वह नदी में पत्थर फेंकने का खेल खेलते रहे और उसके बाद एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नदी के किनारे-किनारे चलने लगे। दोपहर करीब एक बजे नदी के किनारे दलदल में पैर फिसलने के कारण तीनों पानी में गिर गए। इस दौरान किसी महिला की नजर पड़ी तो उसे शोर मचाया और बताया कि एक बच्चा नदी में गिर गया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने तत्काल ही नदी में कूदकर एक बच्चे अंशुल को बाहर निकाल लिया और उसे इलाज के लिए पास के निजी अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने बच्चे की जान बचा ली।
नदी से बरामद हुए दो बच्चों के शव
अंशुल के बाहर निकालने के कुछ देर बाद किसी ने बताया कि यहां तीन बच्चे एक साथ खेलते हुए देखे गए थे, लेकिन उनका कुछ पता नहीं है। उसके बाद ग्रामीणों ने दोबारा से नदी में छलांग लगाकर सर्चिंग शुरू की तो पर्व और शरद पानी में डूबे मिले। उन्हें भी बाहर निकालकर इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस बीच बच्चों के परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए थे। हादसे के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।
जान बचाने के लिए नमक में रखे बच्चों के शव
हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। बच्चों को पानी से बाहर निकालने के बाद परिजन उन्हें गोद में उठाकर मेन रोड की तरफ भागे और बाइक, स्कूटर समेत जो भी साधन मिला, उस पर बैठकर तुरंत ही अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि बाद में पानी से निकाले गए दोनों बच्चों को अस्पताल में चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल वालों ने बच्चों के शव डेड बॉडी रखने वाले रूम में पहुंचा दिए। इसी बीच किसी ने सुझाव दिया कि पानी में डूबने से मौत होने पर शव को नमक में रखा जाए तो जान वापस लौट सकती है। बच्चों की जान बचाने के लिए प्रयासरत परिजनों ने तत्काल ही नमक बुलवाया और दोनों बच्चों के शव नमक में रख दिए।
पुलिस की समझाइश के बाद मान गए परिजन
थाना प्रभारी चतुर्वेदी ने बताया अस्पताल से मिली सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया और बच्चों के शव को नमक से उठाकर पीएम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद दोनों बच्चों के शव परिजनों को सौंप दिए गए, जिनका शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर हादसे में बचे अंशुल से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह तीनों हाथ पकड़कर नदी के किनारे खेल रहे थे, तभी पैर फिसलने के कारण नदी में गिर गए थे।