
इंदौर लोकायुक्त पुलिस को चकमा देकर भागने वाले दो पुलिसकर्मियों का मामला सामने आया है। इस पर एमआईजी थाने के तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। दो सिपाहियों में नरेंद्र दांगी और श्याम जाट और एसआई राम शाक्य है। ये पूरी घटना वहां के सीसीटीवी में कैद हो गई। दरअसल, आरोपी को छोड़ने के एवज में पुलिसकर्मियों ने उसकी पत्नी से दो लाख रुपए की मांग की थी।
महिला से मांगे थे 2 लाख रुपए
दरसअल, एसआई राम शाक्य, श्याम जाट और नरेंद्र दांगी आयशर वाहन की खरीदी में धोखाधड़ी के मामले में कमल टेटवाल को पकड़ कर थाने ले आए थे। पुलिसकर्मी कमल को छोड़ने के एवज में उसकी पत्नी से 2 लाख रुपए की मांग करने लगे। फिर बात 1 लाख रुपए और आखिर में 50 हजार रुपए में तय हुई। सोमवार को ही पुलिसकर्मियों ने टीना से पहली किश्त ले ली। मंगलवार को 10 हजार और 15 हजार रुपए बुधवार को देना तया हुआ था। महिला ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की।
दूसरी किश्त के पहले दी लोकायुक्त को सूचना
महिला को रुपए देने के लिए पुलिसकर्मियों ने थाने के पीछे बुलाया। लोकायुक्त की टीम पहले ही थाने के पीछे तैनात हो गई। श्याम जाट और नरेंद्र दांगी रिश्वत के रुपए लेने पहुंचे। जहां पर पुलिसकर्मियों को पास की एक बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरे लगे होने की जानकारी नहीं थी। वहीं पुलिसकर्मियो को लोकायुक्त पुलिस की भनक लग गई और वो दोनों मौके से भाग निकले। इस पर बुधवार को इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने तत्काल प्रभाव से तीनों को सस्पेंड कर दिया है।
केस दर्ज किया
इस घटना के बाद लोकायुक्त ने तत्काल मौके से सीसीटीवी फुटेज और महिला से बात की कॉल डिटेल की जानकारी निकाली। इसके बाद लोकायुक्त ने पुलिसकर्मियों को ट्रैप किया और कार्रवाई की। इधर, मामले में एमआईजी थाने के टीआई अजय वर्मा ने प्रतिवेदन दिया। मामले में दोनों पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी कर थाने से ही जमानत दे दी। इस मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।