
बेंगलुरु। तमिल अभिनेता और निर्देशक कमल हासन को कर्नाटक हाईकोर्ट से उस वक्त कड़ी फटकार मिली, जब उन्होंने अपनी फिल्म ठग लाइफ की कर्नाटक रिलीज पर प्रतिबंध हटाने और पुलिस सुरक्षा देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि जब एक साधारण माफी से मामला सुलझ सकता था, तब आप सुरक्षा की मांग लेकर क्यों आए?
कन्नड़-तमिल भाषा विवाद से बिगड़े हालात
मामले की जड़ उस बयान से जुड़ी है जो कमल हासन ने 24 मई को चेन्नई में फिल्म के प्रमोशनल इवेंट के दौरान दिया था। उन्होंने कहा था, “कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है।”
इस बयान से कर्नाटक में भारी नाराज़गी फैली और कई कन्नड़ संगठनों ने माफी की मांग की। इसके बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने बयान पर उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने हासन से पूछा, “क्या आप इतिहासकार हैं या भाषाविद्? आप किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं रखते।”
उन्होंने आगे कहा कि देश पहले ही भाषाई आधार पर बंट चुका है और ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर संयम जरूरी है।
साधारण माफी से टल सकता था विवाद
कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने सिर्फ एक ईमानदार माफी की उम्मीद की थी, लेकिन कमल हासन ने सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दाखिल कर दी। कोर्ट ने श्री राजगोपाल आचार्य का उदाहरण देते हुए कहा, “उन्होंने भी ऐसा बयान दिया था और माफी मांगी थी। आप क्यों नहीं मांग सकते?”
कमल हासन ने दी सफाई, लेकिन नहीं मांगी माफी
हासन ने KFCC को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपने बयान को गलत तरीके से पेश किया गया बताया। उन्होंने लिखा, “मेरा उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैं डॉ. राजकुमार और उनके परिवार, विशेष रूप से शिव राजकुमार के प्रति सच्चा सम्मान रखता हूं।”
अब अगली सुनवाई 10 जून को
कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सेंसर बोर्ड (CBFC) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि जब तक KFCC और हासन के बीच आपसी सहमति नहीं बनती, फिल्म कर्नाटक में रिलीज नहीं हो पाएगी। अगली सुनवाई 10 जून को होगी। फिलहाल, कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ की 5 जून को प्रस्तावित पैन इंडिया रिलीज पर कर्नाटक में संकट बरकरार है।