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इस साल गर्मी तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड : दोगुने होंगे हीटवेव के दिन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट

देश में इस बार गर्मी का प्रकोप गंभीर हो सकता हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस साल देश के नॉर्थ-वेस्ट राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली में हीटवेव के दिनों की संख्या सामान्य से दोगुनी हो सकती है। आमतौर पर इन क्षेत्रों में अप्रैल से जून तक 5-6 दिन हीटवेव रहती है, लेकिन इस बार यह 10 से 12 दिनों तक रह सकती है।हालांकि मौसम विभाग ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि यह हीटवेव कितने दिनों तक चलेगी, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी होती है तो 2025 अब तक का सबसे गर्म साल हो सकता है, और तापमान सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा बढ़ सकता है।

हीटवेव गिनने का तरीका अलग

साल 2024 में भारत में 554 दिन हीटवेव का असर रहा था। हालांकि, हीटवेव के लिए गिनने का तरीका थोड़ा अलग होता है। अगर एक राज्य में एक महीने में हीटवेव के कई दिन होते हैं, तो उन्हें गिनने का तरीका अलग होता है। मान लीजिए दिल्ली में 10 दिन, राजस्थान में 15 दिन, यूपी में 12 दिन और बिहार में 8 दिन हीटवेव रही तो इन सभी का कुल मिलाकर 45 हीटवेव डे माना जाएगा, न कि एक महीने में 45 दिन हीटवेव।

हीटवेव बढ़ने की मुख्य वजह

मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव के दिनों की संख्या में वृद्धि की मुख्य वजहें अल-नीनो परिस्थितियां और जलवायु परिवर्तन हैं। अल-नीनो की वजह से प्रशांत महासागर के पानी का तापमान असामान्य रूप से बढ़ता है, जिससे भारत में बारिश की कमी और गर्मी का असर तेज होता है। इस साल अल-नीनो का सबसे खराब दौर जून तक चलेगा। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के कारण लू ज्यादा दिनों तक चलती है, जिससे हीटवेव की तीव्रता और अवधि बढ़ जाती है।

ये है 40°C से अधिक तापमान वाले राज्य

मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में देश के 8 राज्यों में तापमान 40°C से ऊपर जा चुका है। मार्च से ही कई राज्यों में हीटवेव जैसी स्थितियां बनने लगी हैं। अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में गर्मी और बढ़ सकती है और दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान 1-2 डिग्री तक बढ़ सकता है। हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवाओं से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश या बर्फबारी हो सकती है, जिससे तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है।

गर्मी में मौसम के तीन हिस्से

  1. प्री समर (मार्च-अप्रैल): गर्मी की शुरुआत होती है, और अप्रैल के पहले सप्ताह से लू चलने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. पीक समर (मई-जून): गर्मी अपने उच्चतम स्तर पर होती है, क्योंकि सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है।
  3. पोस्ट समर (जून अंत): मानसून की शुरुआत से गर्मी में कमी आने लगती है, लेकिन कभी-कभी जुलाई में भी गर्मी पड़ सकती है।

गर्मी को लेकर सरकार अलर्ट

केंद्र सरकार इस बढ़ती गर्मी को देखते हुए पूरी तरह से अलर्ट है। हीटवेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 मार्च को राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए थे। अस्पतालों में हेल्पडेस्क, ORS, दवाओं और IV फ्लूइड्स का स्टॉक करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा सरकार ने अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए प्राथमिक इलाज की व्यवस्था करने, डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग देने और सभी मेडिकल संस्थानों से डेटा ऑनलाइन अपडेट करने का निर्देश दिया है।

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