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तुर्की के सेब और मार्बल का जोरदार ‘बॉयकॉट’, ट्रैवल कंपनियां भी हुईं खिलाफ, पाकिस्तान के सपोर्टर का जमकर हो रहा विरोध

पुणे। भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों बेहद तनावपूर्ण हालात बने, जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ हमले के लिए 350 से अधिक तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में तुर्की के सैन्यकर्मी और तकनीकी विशेषज्ञ भी पाकिस्तानी सेना की मदद के लिए पाकिस्तान में मौजूद थे। दावा किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर ड्रोन हमले कराने में तुर्की के सैन्य सलाहकारों ने अहम भूमिका निभाई।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इन हमलों में तुर्की के दो ड्रोन ऑपरेटर मारे गए, लेकिन पाकिस्तान ने इस घटना को छिपा लिया। भारत सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी है और विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि तुर्की की गतिविधियों को अनदेखा नहीं किया जाएगा।

बॉयकॉट तुर्की अभियान ने पकड़ी रफ्तार

तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद भारत में ‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान जोर पकड़ता जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापारी और आम लोग तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार करने लगे हैं।

पुणे में तुर्की सेबों की बिक्री बंद

महाराष्ट्र के पुणे में फलों के व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी है। हर साल पुणे के फल बाजार में तुर्की सेबों की हिस्सेदारी लगभग 1000-1200 करोड़ रुपए की होती थी, लेकिन अब यह कारोबार ठप हो गया है। ग्राहकों ने भी इन सेबों का बहिष्कार शुरू कर दिया है।

गाजियाबाद की साहिबाबाद मंडी में भी विरोध

गाजियाबाद की साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारियों ने भी तुर्की से आने वाले सेब और अन्य फलों का आयात बंद करने का फैसला किया है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक तुर्की भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़ा रहेगा, तब तक वे उससे कोई व्यापार नहीं करेंगे।

उदयपुर के व्यापारियों ने तुर्की मार्बल का आयात रोका

राजस्थान का उदयपुर एशिया का सबसे बड़ा मार्बल व्यापार केंद्र माना जाता है, वहां के व्यापारियों ने तुर्की से मार्बल का आयात बंद करने की घोषणा की है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि तुर्की के पाकिस्तान समर्थक रवैये के चलते उससे व्यापारिक संबंध नहीं रखे जाएंगे। भारत में इस्तेमाल होने वाले कुल मार्बल का लगभग 70% हिस्सा तुर्की से आता है, लेकिन अब इस आयात को रोकने का फैसला कर लिया गया है।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के इस दौर में तुर्की की भूमिका ने भारतीय व्यापारियों को खासा नाराज कर दिया है। तुर्की लंबे समय से पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, लेकिन अब भारतीय व्यापारी और आम नागरिक इस पर चुप बैठने के मूड में नहीं हैं। यह केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह भारत की ओर से दिया गया एक रणनीतिक संदेश भी है कि देश अब हर मोर्चे पर अपने विरोधियों को जवाब देने को तैयार है।

पर्यटन क्षेत्र में भी तुर्की को झटका

भारत की प्रमुख ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip ने भी तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कंपनी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में भारतीय यात्रियों की भावनाओं में भारी बदलाव देखने को मिला है। तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग में 60% की गिरावट आई है, जबकि इन देशों की यात्रा को लेकर कैंसलेशन में 250% की वृद्धि हुई है।

कंपनी ने बयान जारी कर कहा, “हम अपने देश के साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं और सशस्त्र सेनाओं के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अजरबैजान और तुर्की की अनावश्यक यात्रा से बचें।”

कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म से तुर्की और अजरबैजान से जुड़े सभी प्रचार और ऑफर हटा दिए हैं ताकि इन देशों की ओर पर्यटन को हतोत्साहित किया जा सके।

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