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प्रदेश में अब रोजाना 50 टन दूध पावडर बनाने की क्षमता

इंदौर में सांची का 30 टन दूध पावडर बनाने का प्लांट तैयार

अशोक गौतम-भोपाल। मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन, ‘सांची’ अब रोजाना इंदौर में 40 मीट्रिक टन मिल्क पावडर बना सकेगा। फेडरेशन ने इंदौर में 30 मीट्रिक टन मिल्क पावडर रोजाना तैयार करने की क्षमता का प्लांट तैयार किया है। इससे सरकार को निजी कंपनियों से मिल्क पावडर बनाने के लिए सहारा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही इसका सीधा फायदा किसानों की दूध उत्पादक समितियों को होगा।

प्रदेश में वर्तमान में इंदौर और ग्वालियर में रोजाना 10-10 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर उत्पादन क्षमता के प्लांट चालू हैं, जिनके माध्यम से सांची मिल्क पावडर तैयार कराता है। इसके अलावा इनसे ज्यादा दूध संकलन होने पर निजी कंपनियों के जरिए मिल्क पावडर बनवाया जाता है। इंदौर के नए दूध पावडर प्लांट का उद्घाटन केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह अगले महीने कर सकते हैं।

76.50 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किया

सांची का नया पावडर प्लांट अत्याधुनिक है, जिसकी लागत 76.50 करोड़ रुपए के करीब है। इसमें 30 करोड़ रुपए जायका संस्था से लोन लिया गया है, शेष राशि इंदौर दुग्ध संघ ने खुद लगाई है। सांची के दूध की रोज सात लाख लीटर खपत होती है। दूध बेचने के अलावा श्रीखंड, छेना, धी, मठा, दही, मावा के अलावा अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। इसके अलावा संग्रहण में से जो दूध बचता है, उसका पावडर बनाया जाता है।

दिसंबर से मार्च तक होता है दूध का ज्यादा उत्पादन

प्रदेश में दूध का उत्पादन दिसंबर से मार्च तक ज्यादा होता है। इस दौरान मिल्क पावडर बनाने का काम ज्यादा होता है। इन संयंत्रों के अलावा निजी कंपनियां जैसे श्रीधी, खंडेलवाल, ओसवाल, इनोवा, पारस जैसी अन्य कंपनियों को दूध पावडर बनाने के लिए दिया जाता है। चार हजार मीट्रिक टन मिल्क पावडर की जरूरत सांची को होती है। एक किलो मिल्क पावडर तैयार करने में 9 से 10 लीटर दूध की जरूरत होती है।

एनडीडीबी से अगले महीने होगा सांची का अनुबंध

सांची और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच अगले महीने अनुबंध होगा। इसके बाद दुग्ध संकलन भी 9 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 20 लाख लीटर प्रतिदिन हो जाएगा। इसके अतिरिक्त एनडीडीबी द्वारा दुग्ध उत्पादक संस्थाओं के माध्यम से कवर किए गए गांवों को 1,390 से बढ़ाकर 2,590 किया जाएगा। साथ ही दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में डेयरी प्लांट की क्षमता 18 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा जिससे आपूर्ति बढ़ सके।

नए पावडर प्लांट का जल्द ही किया जाएगा उद्घाटन

इंदौर में 30 मीट्रिक टन रोजाना मिल्क पावडर का नया संयंत्र बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। मप्र प्रदेश में अब 50 मीट्रिक टन रोजाना मिल्क पाउडर बनाने की क्षमता के संयंत्र हो गए हैं। -निधि निवेदिता, एमपी स्टेट को- ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन

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