नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार वक्फ समेत करीब 3 दर्जन महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा मणिपुर का बजट भी पेश किया जा सकता है। वहीं सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर तीखी बहस होने की संभावनाएं हैं।
बताया जा रहा है कि विपक्ष मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर, मणिपुर में हिंसा और ट्रंप प्रशासन के साथ भारत के संबंधों जैसे मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है, जबकि सरकार का फोकस अनुदान मांगों के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त करने, बजटीय प्रक्रिया पूरी करने, मणिपुर बजट के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक पारित करने पर होगा।
अमित शाह पेश कर सकते हैं वैधानिक प्रस्ताव : गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी, क्योंकि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चला था। 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया था। अपने अभिभाषण में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया था। इसके बाद 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने बजट पेश किया था। सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कुल 27 बैठकें होंगी।
सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्दी पारित कराना पहली प्राथमिकता होगा। सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को जल्दी पारित कराने की इच्छुक है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दों का हल होगा। - किरेन रिजिजू, संसदीय कार्य मंत्री
विपक्षी इंडिया ब्लॉक के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए विचार-विमर्श करेंगे। इसके लिए एक बैठक आयोजित होगी। - जयराम रमेश, कांग्रेस नेता