
नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई क्षेत्र में एक 13 साल की हथिनी की तबीयत बिगड़ गई। दो दिन से इस हथिनी का इलाज किया जा रहा है। इलाज के लिए भोपाल से वाइल्डलाइफ डॉक्टर प्रशांत देशमुख और एसटीआर के डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा मढ़ई पहुंचे हैं।
हथिनी की तबीयत में सुधार
तीन दिन पहले तेंदुआ की मौत और हथिनी के खराब स्वास्थ्य ने एसटीआर के अफसरों की चिंता बढ़ा दी है। इसी वजह से तीन दिनों से अफसर मढ़ई का दौरा कर रहे हैं। रविवार को कर्नाटक से आई एक हथिनी की हालत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसे रात से दस्त की समस्या हो गई। इसके बाद से उसकी तबीयत और बिगड़ गई। डॉक्टरों ने बताया कि हथिनी का इलाज सही दिशा में चल रहा है और स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
जांच के सैंपल भेजे गए जबलपुर लैब
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि हथिनी पूजा का इलाज किया गया और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। हथिनी की हालत पर नजर रखने के साथ ही जांच के लिए कुछ सैंपल जबलपुर लैब भेजे गए हैं। इस जांच से डॉक्टरों को और अधिक जानकारी मिलेगी और इलाज की दिशा तय की जाएगी।
एसटीआर में कुल 9 हाथी
एसटीआर में कुल 9 हाथी हैं। जिनमें से दो, लक्ष्मी और सिद्धनाथ, तीन साल से कुनो पार्क में हैं। बाकी 7 में से 4 हाथी दो साल पहले कर्नाटक से लाए गए थे। इन्हें स्थानीय महावतों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया और फिर मढ़ई के हाथी कैंप में रखा गया। इन हाथियों की देखरेख और सुरक्षा के लिए अफसरों की एक टीम लगातार काम कर रही है।
रविवार को ही हुई तेंदुए की मौत
रविवार सुबह मढ़ई में एक तेंदुआ मृत पाया गया था। उसकी गर्दन और पीठ पर घाव के कई निशान थे, जिससे अफसरों का मानना है कि बाघ और तेंदुआ के बीच लड़ाई हुई होगी, जिसमें तेंदुए की जान चली गई।
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