ताजा खबरराष्ट्रीय

कठुआ में सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला : लोकल गाइड ने की हमलावरों की मदद, कश्मीर टाइगर्स ने ली जिम्मेदारी; 5 जवान शहीद, 5 घायल

कठुआ। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को हुए आतंकी हमले को लेकर नई जानकारी सामने आई है। हमला एडवांस हथियारों से लैस 3 आतंकियों ने किया था, जो हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले के लिए एक लोकल गाइड ने भी आतंकियों की मदद की थी।

इस हमले में कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। वहीं घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है।

जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे : कश्मीर टाइगर्स

कठुआ आतंकी हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। आतंकी संगठन KT-213 की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘कठुआ के बडनोटा में भारतीय सेना पर हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से हमला किया है। यह डोडा में मारे गए 3 मुजाहिदीन की मौत का बदला है। जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे। ये लड़ाई कश्मीर की आजादी तक चलती रहेगी।’

हमले में शामिल आतंकियों ने एम4 असाल्ट राइफल्स, ग्रेनेड्स और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया था। बता दें कि, यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है।

नियमित गश्त पर निकले थे वाहन

यह आतंकी हमला कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर बिलावर तहसील की बदनोता पंचायत में हुआ। कुठआ के लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बदनोता में दोपहर करीब 3:30 बजे सेना के दो वाहन क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। तभी आतंकियों ने उन पर घात लगाकर ग्रेनेड से हमला कर दिया। साथ ही फायरिंग भी की। इसके बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया और मुठभेड़ शुरू हो गई। जैंडा नाले के पास पहाड़ी पर पहले से ही करीब चार आतंकी घात लगाकर बैठे थे।

आसपास स्थित सैन्य शिविरों के साथ जिला मुख्यालय से भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल हमले की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे। क्षेत्र की घेराबंदी कर सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं। स्थानीय लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

स्थानीय गाइड ने की आतंकियों की मदद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। इन आतंकियों के पास अमेरिका में बने M4 कार्बाइन राइफल, एक्सप्लोसिव डिवाइस और अन्य हथियार हैं। आतंकियों ने इस हमले को अंजाम देने से पहले इलाके की रेकी की थी। जिसमें स्थानीय गाइड ने आतंकियों की मदद की थी। इन गाइडों ने आतंकियों को खाना भी मुहैया कराया था और उन्हें पनाह भी दी थी। इतना ही नहीं हमले को अंजाम देने के बाद इन स्थानीय गाइड ने आतंकियों को छिपने में भी मदद की थी।

IAF के काफिले पर हुआ था हमला

2 महीने में सेना के वाहन पर यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में 4 मई को आतंकवादियों ने भारतीय वायु सेना (IAF) के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में IAF का 1 जवान शहीद हो गया था, जबकि 4 अन्य घायल हो गए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।

तस्वीरें- 4 मई को आतंकियों ने गोलियां चलाईं थी।

वहीं, दो दिन में सेना पर यह दूसरा हमला है। आतंकियों ने 7 जुलाई की सुबह राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में एक आर्मी कैंप पर हमला किया था। हमले में एक जवान घायल हो गया। वहीं जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी घने जंगल में भाग निकले। आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना और पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर : कठुआ में सेना के वाहन पर आतंकी हमला, 4 जवान शहीद, 6 घायल; घात लगाकर की गोलीबारी

संबंधित खबरें...

Back to top button