
इंदौर। शहर के प्राचीन गोपाल मंदिर में हुए शादी समारोह का आयोजन अब विवादों में घिर गया है। इस घटना के बाद यादव समाज में गहरी नाराजगी है। समाज के लोग मंदिर में हुए शादी समारोह को लेकर काफी आक्रोशित हैं और उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम ने मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है।
मंत्रों के उच्चारण के साथ शुद्धिकरण
यादव समाज के लोगों ने आज सुबह गोपाल मंदिर पहुंचकर वहां मंत्रों के उच्चारण के साथ शुद्धिकरण की प्रक्रिया की गई। इसके बाद पूजा-अर्चना भी की। उनका कहना था कि इस समारोह के कारण मंदिर परिसर में गंदगी फैल गई है, जो उनके लिए अस्वीकार्य है। यादव समाज का कहना है कि गोपाल मंदिर हिंदू धर्म और यादव समाज के लिए एक अत्यंत पवित्र स्थल है और किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि को यह अधिकार नहीं है कि वह इस स्थान पर शादी समारोह जैसी कोई धार्मिक गतिविधि आयोजित करने की अनुमति दे।
भजन-कीर्तन करते हुए गोपाल मंदिर पहुंचे लोग
मंगलवार को यादव समाज के लोग इंदौर के राजबाड़ा स्थित अहिल्या माता की प्रतिमा के पास एकत्र हुए। इस अवसर पर समाज के लोगों ने अहिल्या माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और भजन-कीर्तन करते हुए समूह में गोपाल मंदिर पहुंचे। रास्ते भर “जय माधव, जय यादव” के नारे लगाए।
धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची
सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई पंडितों का कहना है कि गोपाल मंदिर को विवाह या किसी अन्य धार्मिक कार्यक्रम के लिए किराए पर देने का फैसला गलत था। यादव समाज के लोग यह जानना चाहते हैं कि किस अधिकारी या जनप्रतिनिधि की अनुमति से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना से उनकी धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
यादव समाज ने इस मामले की शिकायत इंदौर पुलिस थाने में की है और उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी इस मुद्दे की जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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