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प्रदेश के 8 सांसदों के पुनर्वास पर सस्पेंस, नई जिम्मेदारी का इंतजार

जनार्दन मिश्रा, रोडमल नागर और सुधीर गुप्ता को तीसरी बार जीत का रिकार्ड बनाने की चिंता

भोपाल। लोकसभा चुनाव का नतीजा कुछ भी रहे लेकिन एक सप्ताह बाद मध्यप्रदेश के 8 मौजूदा सांसदों का बेकाम होना तय है। 4 जून के बाद इनके नाम के आगे भूतपूर्व का तमगा जुड़ जाएगा। इनमें भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, सागर के राजबहादुर, बालाघाट में ढाल सिंह बिसेन और ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर भी शामिल हैं। भाजपा संगठन ने इन सभी सांसदों को फिलहाल कोई नई जवाबदारी नहीं सौंपी है। इन सभी को अब अपने सियासी पुनर्वास की चिंता सताने लगी है।

इसके विपरीत जनार्दन मिश्रा रीवा, रोडमल नागर राजगढ़ और मंदसौर में सुधीर गुप्ता चुनावी मैदान में जीत की हैट्रिक लगाने की चिंता सता रही है। इधर इंदौर, खजुराहो और विदिशा सीट पर चुनावी जीत के मार्जिन को लेकर सियासी चचार्एं सरगर्म हैं। राजधानी भोपाल सहित आठों संसदीय क्षेत्रों में ये इन सभी सांसदों ने 2019 के चुनाव में भारी अंतर से चुनावी जीत दर्ज कराई थी।

ये सांसद हो जाएंगे भूतपूर्व

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल, राजबहादुर सिंह सागर, विवेक शेजवलकर ग्वालियर, ढाल सिंह बिसेन बालाघाट, छतरसिंह दरबार धार, रमाकांत भार्गव विदिशा एवं केपी सिंह यादव गुना, गुमान सिंह डामोर रतलाम।

इन्हें हैट्रिक की चिंता

राजगढ़ से सांसद रोडमल नागर, मंदसौर के सुधीर गुप्ता और रीवा में जनार्दन मिश्रा को जीत की हैट्रिक लगाने की चिंता सता रही है। विदिशा, टीकमगढ़, गुना,मंडला जैसी सीटों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता 5 से 7 वीं बार तक किस्मत आजमा रहे हैं।

पार्टी का निर्णय शिरोधार्य

पार्टी हाईकमान का निर्णय शिरोधार्य है। हमारी नई भूमिका क्या होगी यह संगठन ही तय करता है। मुझे संगठन ने अब तक जो भी जवाबदारी सौंपी पूरी निष्ठा से उनका निर्वाह किया। आगे भी कार्यकर्ता भाव से काम करता रहूंगा। -ढाल सिंह बिसेन ,बालाघाट

फिलहाल मुंबई केस में व्यस्त

संगठन के लिए समर्पित रहूंगी। जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाउंगी यदि नहीं भी मिली तो कार्यकर्ता तो हमेशा रहूंगी। फिलहाल मुंबई केस के सिलसिले में व्यस्त हूं। -प्रज्ञा सिंह ठाकुर, भोपाल

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