
नवीन यादव-इंदौर। लैंसेट में नवंबर 2024 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 21.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित थे। हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या 10 करोड़ है। विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज की एक प्रमुख वजह शकर का सेवन है। अब शकर के बुरे प्रभावों के खिलाफ इंदौर के लोगों ने एक महीने के लिए शकर उपवास शुरू किया है। डायबिटीज के खिलाफ लड़ाई में संभवत: देश में अपनी तरह का यह अनूठा उपवास है। इससे दो हजार लोग जुड़े हुए हैं। इनमें साइकलिस्ट, डॉक्टर्स, फिटनेस प्रेमी, पत्रकार और आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
इंदौर के फिटनेस प्रेमी व उद्योगपति नीरज याग्निक ने अपने फेसबुक पर पोस्ट कर मुहिम को शुरू किया। उनके दो वॉट्सऐप ग्रुपों पर 2050 लोग जुड़े हैं। वे बताते हैं कि बीते साल मुझे चोट लगी थी, इसके बाद मैंने तीन माह शकर बंद कर दी। इसका काफी फायदा हुआ था। अब मैंने इसे लेकर लोगों को अवेयर करने का संकल्प लिया है। पहले लगा कि 400-500 लोग जुड़ जाएंगे, लेकिन काफी लोगों ने इसे सराहा और ग्रुप से जुड़े।
कोकीन से 200 गुना अधिक नशा – नीरज बताते हैं, हमारे भोजन में पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक शकर होती है, इसलिए अतिरिक्त शकर खाने की जरूरत नहीं है। शकर छोड़ने के बाद काफी सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। शुगर नशा है जो कोकीन के नशे से 200 गुना अधिक होता है।
लैंसेट में नवंबर 2024 में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार
- 21.2 करोड़ वयस्क भारत भर में पीड़ित हैं डायबिटीज से
- 82.8 करोड़ दुनिया भर में डायबिटिक
भारत में पुरुषों और महिलाओं में डायबिटीज की दर लगभग दोगुनी है। महिलाओं में यह 1990 में 11.9 फीसदी से बढ़कर 2022 में 24 फीसदी और पुरुषों में 11.3 फीसदी से बढ़कर 21.4 फीसदी हो गई है।
किस देश में कितने डायबिटीज से पीड़ित
- चीन 114..8 करोड
- यूएस 4..2 करोड़
- पाक 3.6 करोड़
- इंडोनेशिया 2.5 करोड़
- ब्राजील 2.2 करोड़
WHO के अनुसार, (18 वर्ष से अधिक आयु के)
- 77..77 करोड़ टाइप 2 डायबिटीज
- 2..5 करोड़ प्रीडायबिटिक हैं
नीरज मुझसे लंबे समय से जुड़े हुए हैं, उनका यह प्रयास काफी सराहनीय है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर नो शुगर फॉर 30 डेज पर एक पोस्ट शेयर की। इसके बाद मैंने भी सोचा मैं भी इस मुहिम से जुड़ता हूं। पहले दिन से ही इस अभियान से जुड़ा हूं, चार-पांच दिन बीत गए हैं। मैं डायबिटिक हूं फिर भी थोड़ी बहुत शुगर ले लेता था, लेकिन इस अभियान से जुड़ने के बाद बिल्कुल बंद कर दी है। यह बहुत अच्छा अभियान है । – अभय वेडेकर, कलेक्टर अलिराजपुर
चीनी छोड़ने से कई फायदे होते हैं, तो इसके थोड़े नुकसान भी हो सकते हैं। चीनी छोड़ने से वजन कम होने लगता है। हार्ट डिजीज और किडनी डिजीज का खतरा कम हो जाता है। लेकिन व्यक्ति लो शुगर की दिक्कत हो तो शुगर नहीं छोड़नी चाहिए। – डॉ. सोमनाथ रघुवंशी, एसोसिएट प्रोफेसर, जीएमसी