
ढाका। बांग्लादेश की राजनीति में इन दिनों अनिश्चितताओं का माहौल बना हुआ है। छात्रों के नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी एनसीपी (नेशनल सिटिजन पार्टी) से हुई बातचीत के दौरान अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा इस्तीफा देने पर विचार करने की बात सामने आई थी। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। हालांकि, शनिवार को बुलाई गई आपातकालीन बैठक के बाद सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि यूनुस फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे।
क्या मोहम्मद यूनुस देंगे इस्तीफा
गुरुवार रात यूनुस ने एनसीपी के नेताओं के साथ बातचीत में कहा था कि वे इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना था कि वर्तमान परिस्थितियों में, खासकर राजनीतिक दलों और सेना के साथ असहज संबंधों के चलते वे प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने दिन में हुई कैबिनेट बैठक में भी अपनी इस इच्छा को जाहिर किया था।
इमरजेंसी मीटिंग के बाद सरकार की सफाई
शनिवार को यूनुस ने अंतरिम सरकार के सलाहकारों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद प्लानिंग एडवाइजर वाहिदुद्दीन महमूद ने मीडिया को जानकारी दी कि मुख्य सलाहकार ने अपने पद से हटने की कोई स्पष्ट इच्छा नहीं जताई है। उन्होंने इस्तीफा देने की बात नहीं कही है। वे हमारे साथ बने रहेंगे और सरकार अपने कार्यों को जारी रखेगी।
राजनीतिक दलों और सेना के साथ चल रही बातचीत
बैठक से पहले यूनुस द्वारा बुलाई गई एक और अहम मीटिंग की जानकारी मिली जिसमें राजनीतिक असहमति और सैन्य हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, यूनुस की शनिवार शाम को बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें निर्धारित थीं। यह मुलाकातें संकट के समाधान की संभावनाएं तलाशने के लिए की जा रही हैं।
राजनीतिक दबाव में फंसे यूनुस
सूत्रों का कहना है कि यूनुस सरकार और राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती खाई से चिंतित हैं। उन्होंने कहा था कि जब तक सभी दलों के बीच कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनती, तब तक कार्य करना कठिन होता जा रहा है। सेना की भूमिका को लेकर भी यूनुस के भीतर चिंता देखी गई है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के संकेत देती है।
अभी बने रहेंगे पद पर
फिलहाल सरकार की ओर से यह साफ किया गया है कि यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे। इस्तीफे की अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है, लेकिन बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है। आगे क्या होगा, यह राजनीतिक दलों के साथ यूनुस की बातचीत और जनता की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।