ताजा खबरभोपाल

मोती महल में बनेगा प्रदेश का पहला सिटी म्यूजियम, मानव संग्रहालय में नीम पार्क

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस आज : शहर के संग्रहालयों में हुए नवाचारों की मिलेगी शहरवासियों को सौगात

भोपाल को प्रदेश का पहला सिटी म्यूजियम मिलने जा रहा है। यह म्यूजियम मोती महल की एक विंग में बनाया जाएगा। इसकी स्थापना की मंजूरी केंद्र सरकार से मिल गई है। इस म्यूजियम में भोपाल के इतिहास और संस्कृति को आधुनिक तकनीक की मदद से प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं मोती महल की दूसरी विंग में राजा भोज के जीवन को लेकर महाप्रतापी भोज संग्रहालय बनाया जाएगा। इस संग्रहालय में लोगों को राजा भोज के पराक्रम की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही राजा भोज की जीवनी, महानता, शिक्षा को भी दिखाया जाएगा और उनके द्वारा जनकल्याण के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों के बारे में भी लोग इस संग्रहालय में जान सकेंगे।

सिकंदर बेगम का उपनाम था ‘मोती’

इकबाल मैदान के पास स्थित मोती महल का निर्माण भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम की बेटी सिकंदर बेगम ने 1844 से 1868 के बीच कराया था। उनका उपनाम मोती था, इसलिए इसे मोती महल के नाम से जाना जाता है। इस भवन को इस्लामिक व यूरोपियन स्थापत्य कला को मिलाकर बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक यहां पर म्यूजियम बनाने में लगभग 20 करोड़ का खर्चा आएगा, फिलहाल यह इमारत जर्जर स्थिति में है, जिसे दुरूस्त किया जाएगा।

ट्राइबल म्यूजियम: 6 जून से मिलेगा आदिवासी भोजन

मप्र जनजातीय संग्रहालय में बनाए प्रदेश की सात प्रमुख जनजातियों गोंड, भील, बैगा, कोरकू, भारिया, सहरिया और कोल के सात आवास तैयार हो गए हैं। इन आवासों में जनजातियों के परिवार 3 से 6 महीने तक रहेंगे। बाद में रोटेशन के आधार पर दूसरे परिवार इन आवासों में रहने के लिए आते रहेंगे। इस उपक्रम से शहरी समाज व युवाओं को प्रदेश के जनजातीय समाज को जानने का मौका मिलेगा। इन सातों आवासों में जनजातीय समुदायों के व्यंजन 6 जून से उपलब्ध रहेंगे, जिसका जायका शहरवासी ले सकेंगे। साथ ही आर्ट वर्क भी प्रदर्शित होगा।

मानव संग्रहालय: 2 एकड़ में बना नया पार्क

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में करीब 2 एकड़ में अरिष्ट वन तैयार किया जा रहा है। इसमें 300 से अधिक नीम के पौधे रोपे जा चुके हैं, जो करीब 5 फीट ऊंचे हो गए हैं। यह शहर का पहला नीम पार्क भी होगा। मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे का कहना है कि यह अरिष्ट वन शहर के लिए आॅक्सीजन बैंक का काम करेगा। यहां पर मीटिंग स्पेस डेवलप किए जाने की योजना भी है। पार्क में पौधों के लिए खास वर्मी कम्पोस्ट बनाई गई है, जिससे यह स्वस्थ रहेंगे।

तकनीकी से लैस होगा म्यूजियम

सिटी म्यूजियम में पर्यटक भोपाल और आसपास के क्षेत्रों से पुरातात्विक खोजों, प्रागैतिहासिक शैल चित्रों, पत्थर के औजारों, प्राचीन मूर्तियों, मंदिर के अवशेषों और भोपाल नवाब काल की उत्कृष्ट कला के संग्रह से अवगत होंगे। इसमें सभी उम्र के विजिटर्स के लिए आकर्षक और जानकारीपूर्ण अनुभव बनाने के लिए ऑडियो-विजुअल गाइड, क्यूआर कोड स्कैनर जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
-शिव शेखर शुक्ला, एमडी, एमपी टूरिज्म बोर्ड

संबंधित खबरें...

Back to top button