सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पेगासस जासूसी मामले पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच के लिए गठित जस्टिस मदन बी लोकुर की अगुवाई वाले आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। बता दें कि पैनल के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया है।
SC stays all proceedings of 2-member Inquiry Commission headed by ex-top court judge Justice Madan B Lokur,constituted by West Bengal to investigate alleged Pegasus snooping row;issues notice to the Commission.Earlier WB govt assured SC that Commission won't go ahead with inquiry pic.twitter.com/1E6FfNwvya
— ANI (@ANI) December 17, 2021
राज्य द्वारा गठित आयोग ने काम कैसे शुरू किया : SC
सीजेआई एनवी रमन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि आप बताइए कि राज्य द्वारा गठित आयोग ने कार्रवाई कैसे शुरू कर दी। इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि मैंने आश्वासन दिया था कि आपके फैसले तक आयोग काम नहीं करेगा। लेकिन इस मामले में आयोग ने फैसला आने के बाद काम शुरू कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच के लिए गठित जस्टिस मदन बी लोकुर के नेतृत्व वाले आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए बंगाल सरकार और आयोग को नोटिस भी जारी कर दिया है।
27 अक्टूबर को साइबर विशेषज्ञों की समिति गठित की थी
शीर्षस्थ अदालत ने भारत में कुछ लोगों की निगरानी के लिए कथित तौर पर इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के उपयोग की जांच के लिए 27 अक्टूबर को साइबर विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। जबकि 26 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच का आदेश दिया था।