
ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला उस वायरल ऑडियो क्लिप के आधार पर आया है जिसमें हसीना ने कथित तौर पर न्यायपालिका को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा है कि यह सजा तभी लागू होगी जब वह बांग्लादेश लौटेंगी या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। शेख हसीना पिछले 11 महीनों से भारत में रह रही हैं।
ऑडियो क्लिप बना विवाद की वजह
पिछले साल एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें शेख हसीना और एक स्थानीय नेता शकील बुलबुल के बीच बातचीत हो रही थी। इस बातचीत में हसीना को यह कहते हुए सुना गया कि उनके खिलाफ 227 मुकदमे दर्ज हैं, तो मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है। इस बयान को अदालत ने बेहद गंभीर माना और इसे न्याय प्रक्रिया का मजाक उड़ाने की कोशिश करार दिया।
ट्रिब्यूनल ने कहा- अदालत की गरिमा सर्वोपरि
ICT ने साफ कहा कि शेख हसीना और शकील बुलबुल की बातचीत का मकसद अदालत को डराना, गवाहों को धमकाना और पीड़ितों को चुप कराना था। ट्रिब्यूनल ने बुलबुल को भी 2 महीने की जेल की सजा सुनाई है। दोनों की अनुपस्थिति में अदालत ने यह फैसला सुनाया, क्योंकि ना ही वे स्वयं पेश हुए और ना ही किसी कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से सफाई दी गई।
30 अप्रैल को शुरू हुई मामले की सुनवाई
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने इस मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को शुरू करवाई। अदालत ने 25 मई तक सफाई देने का मौका दिया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद नोटिस अखबारों में प्रकाशित करवाया गया और 3 जून तक उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया गया। अंततः 2 जुलाई को न्यायाधिकरण ने दोनों को दोषी ठहराते हुए सजा सुना दी।
हसीना को भारत में मिली है शरण
शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में विद्रोह के बाद प्रधानमंत्री पद से हट गई थीं और उसी सप्ताह भारत चली आईं। बांग्लादेश में सत्ता में आई यूनुस सरकार ने उनके खिलाफ हत्या, अपहरण, देशद्रोह जैसे गंभीर आरोपों में 225 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है और इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था।
बांग्लादेश सरकार ने भारत से उन्हें डिपोर्ट करने की अपील की थी, लेकिन भारत सरकार ने हसीना का वीजा बढ़ा दिया, जिससे साफ है कि फिलहाल उन्हें बांग्लादेश वापस नहीं भेजा जाएगा।