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29 मार्च से बड़ा बदलाव, शनि साढ़े साती और ढैय्या का कहर… इन 5 राशियों पर शनि गोचर से शुरू होगा मुश्किल समय

शनि देव को न्याय के देवता और कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। वे अच्छे कर्म करने वालों को सफलता और सुख प्रदान करते हैं, जबकि बुरे कर्म करने वालों को सबक सिखाते हैं। 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिससे कुछ राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव शुरू होगा। वहीं, कुछ राशियों को इससे मुक्ति मिलेगी। शनि देव की कृपा से व्यक्ति धैर्यवान, कर्मठ और अनुशासित बनता है।

शनि का राशि परिवर्तन कब होगा?

  • 29 मार्च 2025 को रात 11:01 बजे शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
  • 3 जून 2025 तक वे इसी राशि में रहेंगे, इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे।

इन राशियों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव

शनि के मीन राशि में प्रवेश से मेष, मीन और कुंभ राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होगा।

मेष राशि : साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा।

मीन राशि : साढ़े साती का दूसरा चरण चलेगा।

कुंभ राशि : साढ़े साती का अंतिम यानी तीसरा चरण रहेगा।

इन राशियों पर ढैय्या का असर

सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या शुरू होगी, जिससे इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ सकता है।

सिंह राशि : मानसिक तनाव और मेहनत बढ़ सकती है।

धनु राशि : कार्यक्षेत्र में चुनौतियां और आर्थिक दबाव महसूस हो सकता है।

इन राशियों को मिलेगी साढ़े साती-ढैय्या से मुक्ति

शनि का मीन में प्रवेश कुछ राशियों के लिए राहत लेकर आएगा।

मकर राशि : साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी।

कर्क और वृश्चिक राशि : ढैय्या समाप्त होगी, जिससे आर्थिक और मानसिक राहत मिलेगी।

साढ़े साती और ढैय्या में अंतर

  • साढ़े साती :5 साल तक चलती है और शनि के जन्म राशि से 12वें, 1वें और 2वें भाव में आने पर लगती है।
  • ढैय्या :5 साल तक चलती है और शनि के जन्म राशि से 4वें या 8वें भाव में होने पर लगती है।

साढ़े साती और ढैय्या चुनौतियों का समय होता है, लेकिन अगर व्यक्ति अच्छे कर्म करता है, तो शनि शुभ फल भी प्रदान करते हैं।

शनि के उपाय और बचाव

  • शनिवार को शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।
  • शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
  • काली चीजों का दान करें, जैसे उड़द, काले तिल, लोहे की वस्तुएं।
  • हनुमान जी की पूजा करें, खासतौर पर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • जरूरतमंदों की मदद करें और अपने कर्मों को सुधारें।

शनि देव का प्रभाव व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। अच्छे कर्म करने से शनि का आशीर्वाद मिलता है, जबकि बुरे कर्म करने पर सजा भोगनी पड़ती है।

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