
इस्तांबुल। तुर्किये के इस्तांबुल शहर में सोमवार को रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की शांति वार्ता संपन्न हुई। यह बैठक मात्र एक घंटे चली, लेकिन इस दौरान दोनों पक्षों ने मानवीय पहलुओं पर महत्वपूर्ण सहमति जताई। मुख्य समझौते के तहत गंभीर रूप से घायल और बीमार युद्धबंदियों की अदला-बदली की जाएगी। साथ ही, दोनों देश 6,000-6,000 मृत सैनिकों के शवों को वापस लौटाएंगे।
युद्धबंदियों और दिव्यांग बच्चों की रिहाई पर जोर
यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव ने बातचीत के बाद कहा, “हम सभी युद्धबंदियों की रिहाई चाहते हैं। साथ ही, हम दिव्यांग बच्चों और कैदियों की भी सकुशल वापसी सुनिश्चित करना चाहते हैं।”
युवाओं और गंभीर घायलों की अदला-बदली होगी प्राथमिकता- रूस
रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेंडिस्की राष्ट्रपति पुतिन के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि समझौते के तहत 18 से 25 साल के युवा सैनिकों और गंभीर रूप से घायल युद्धबंदियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल उन परिवारों के लिए राहत बन सकती है जो अपने बच्चों की सलामती को लेकर चिंतित हैं।
ड्रोन हमलों के साये में हुआ संवाद
इस बातचीत से कुछ घंटे पहले ही यूक्रेन ने साइबेरिया में रूस पर एक बड़ा ड्रोन हमला किया था। जब इस बारे में रूसी प्रतिनिधिमंडल से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कल का इंतजार कीजिए। इससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में रूस यूक्रेन पर कोई कार्रवाई कर सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले दोनों देशों के बीच 16 मई को भी इस्तांबुल में बातचीत हुई थी, जो दो घंटे चली थी। उस वार्ता में ठोस निर्णय नहीं निकल पाया था, लेकिन इस बार कम समय में भी महत्वपूर्ण मानवीय सहमति बनी है।