
मंबई। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच राजनीतिक गठबंधन की अटकलों पर शिवसेना (UBT) के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि अभी तक कोई गठबंधन नहीं हुआ है। सिर्फ इमोशनल बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर राज ठाकरे को उद्धव के साथ आना है, तो उन्हें अपने घर से दुश्मनों को बाहर करना होगा। यह स्पष्ट संकेत माना जा रहा है उन नेताओं और विचारधाराओं की ओर, जो वर्तमान में भाजपा या हिंदुत्व की कट्टर लाइन से जुड़ी हुई हैं।
नीतीश राणे ने तंज कसते हुए कहा- पत्नी की परमिशन ली क्या
भाजपा नेता नीतीश राणे ने इस पूरे प्रकरण को एक अलग ही दिशा दे दी। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निजी हमला करते हुए कहा, “क्या उद्धव ने अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे से अनुमति ली है राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने के लिए?”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज ठाकरे को शिवसेना से निकालने के पीछे रश्मि ठाकरे का ही हाथ था, क्योंकि उस समय उद्धव और राज के बीच कोई गंभीर मतभेद नहीं थे। राणे के मुताबिक, “ऐसे मामलों में पत्नी की राय ज्यादा मायने रखती है।”
मतभेद हैं लेकिन महाराष्ट्र के लिए साथ आना चाहिए- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने हाल ही में महेश मांजरेकर के यूट्यूब चैनल पर कहा, “उद्धव से मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन ये सब महाराष्ट्र के हित के सामने छोटे मुद्दे हैं। अगर राज्य और मराठी लोगों का भला साथ आने से होता है, तो यह कोई बहुत मुश्किल बात नहीं है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि उनकी ओर से कभी कोई झगड़ा नहीं था।
फडणवीस ने कहा, अगर साथ आते हैं तो खुशी होगी
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संभावित गठबंधन पर एक अलग ही लहजा अपनाया। उन्होंने कहा, “अगर राज और उद्धव साथ आते हैं, तो हमें खुशी होगी। मतभेद मिटाना अच्छी बात है।”
2005 से ही अलग हैं राज और उद्धव
राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी, जब उद्धव ठाकरे को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। इसके बाद राज ने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई। तब से दोनों के रिश्ते राजनीतिक रूप से ठंडे रहे हैं। हालांकि निजी संबंधों में कड़वाहट की बात कम ही सामने आई है।