Naresh Bhagoria
14 Nov 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में वन्यजीव प्रेमियों के लिए अब नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व की सैर महंगी होने जा रही है। सरकार ने प्रदेश के सभी संरक्षित क्षेत्रों के प्रवेश शुल्क में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। इस फैसले का असर खासतौर पर उन पर्यटकों पर पड़ेगा जो जंगल सफारी के शौकीन हैं और हर साल बड़ी संख्या में इन टाइगर रिजर्व का रुख करते हैं।
वर्तमान में सोमवार से शुक्रवार तक छह पर्यटकों के समूह पर ₹2400 और शनिवार-रविवार को ₹3000 का शुल्क लिया जाता है। एक अक्टूबर के बाद इसमें 10% यानी ₹240 और ₹300 की बढ़ोतरी की जाएगी। यह केवल प्रवेश शुल्क है; इसमें जिप्सी का किराया शामिल नहीं होता, जो अलग से ₹2000 से ₹3500 तक पड़ता है। विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट दर दोगुनी रहेगी, यानी वे इस बढ़ी हुई राशि का भी दुगना भुगतान करेंगे।
प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों की बुकिंग एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अनधिकृत टिकटिंग पर लगाम लगेगी।
मध्यप्रदेश के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व 1 जुलाई से 30 सितंबर तक हर साल की तरह इस बार भी बंद रहेंगे। इसका प्रमुख कारण मानसून और वन्यजीवों का ब्रीडिंग सीजन है। भारी बारिश के कारण रास्ते खराब हो जाते हैं और नदी-नालों में पानी भर जाने से सफारी खतरनाक हो जाती है। यही कारण है कि वन विभाग हर साल इन तीन महीनों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा देता है।
राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर 2024 को जारी एक अधिसूचना के तहत यह नीति बनाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश शुल्क में हर तीन साल में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यही नीति अब वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू की जा रही है। इससे पहले इसी अधिसूचना के अंतर्गत मैहर के मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी, भोपाल के वन विहार, और इंदौर के रालामंडल अभयारण्य की टिकट दरों में ₹5 की वृद्धि की गई थी।
इन सभी पार्कों में बढ़ी हुई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी।