
15 मई 2025 को तुर्किए में रूस और यूक्रेन के बीच सीज़फायर को लेकर अहम बैठक हुई। माना जा रहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद बैठक में शामिल होंगे, लेकिन उन्होंने अपने सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की को भेज दिया। इस पर नाराज यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे “औपचारिकता” बताते हुए सीधा संदेश दिया कि वार्ता तभी होगी जब पुतिन सामने बैठेंगे।
जवाब में यूक्रेन का बड़ा हमला
बैठक से ठीक एक दिन पहले, 1 जून को यूक्रेन ने रूस के एयरबेस पर बड़ा हमला कर दिया। इस हमले में रूस के 40 बॉम्बर्स विमान जमींदोज हो गए। यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया कि यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का और सटीक ऑपरेशन था। इस हमले से रूस को भारी नुकसान हुआ।
7 अरब डॉलर का नुकसान
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के मुताबिक, इस हमले से रूस को लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। रूस के एयर मिसाइल कैरियर्स का लगभग 34% बेड़ा नष्ट कर दिया गया। इस ऑपरेशन में यूक्रेनी एजेंसियों ने अपने जासूसों और फील्ड ऑपरेटिव्स को समय रहते रूस से बाहर निकाल लिया।
जेलेंस्की ने दिया कड़ा संदेश
नाटो की लिथुआनिया में हुई बैठक में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन शांति चाहता है, लेकिन मजबूती से। उन्होंने कहा कि रूस को अब बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। शांति की शुरुआत तभी होगी जब सीजफायर के साथ-साथ बच्चों की वापसी, युद्धबंदियों की रिहाई और युद्ध अपराधों पर जवाबदेही तय होगी।
एक्स पर बोले जेलेंस्की – “ये सिर्फ शुरुआत है”
हमले के बाद जेलेंस्की ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया – बेहद शानदार नतीजा। एक ऐसा नतीजा जिसे पूरी तरह यूक्रेन ने अपने दम पर हासिल किया है। यह हमारे इतिहास का सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन था। और ये सिर्फ शुरुआत है।