
मॉस्को। रूस के दक्षिणी दागिस्तान क्षेत्र में आतंकवादियों ने रविवार (23 जून) को दो चर्च, एक सिनेगॉग (यहूदी मंदिर) और एक पुलिस पोस्ट पर हमला कर दिया। इस हमले में 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी, एक पारदी समेत कई नागरिकों के मारे जाने की खबर सामने आई है। इसके साथ ही पुलिस के कई जवान घायल भी हुए हैं। वहीं, चार आतंकी मारे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आतंकियों ने पादरी का गला काट दिया था। वह 66 साल के थे।
रूस की नेशनल एंटी टेररिज्म कमेटी (National Anti Terrorism Committee) ने आतंकी हमले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये हमले मुख्य रूप से मुस्लिम क्षेत्र में हुए, जहां सशस्त्र चरमपंथ का इतिहास रहा है।
तीन दिन का शोक घोषित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिर, दागिस्तान के डर्बेंट शहर में स्थित यहूदी मंदिर और चर्च पर हमला हुए हैं। यह मुस्लिम बहुल इलाके उत्तरी काकेशस में यहूदी समुदाय का गढ़ है। जबकि, जिस पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ वो डर्बेंट से 125 किमी दूर दागिस्तान की राजधानी माखचकाला में है। इस क्षेत्र में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को शोक दिवस घोषित किया गया है।
दागेस्तान के प्रमुख सर्गेई मेलिकोव ने जारी कर अपने बयान में कहा कि क्षेत्र की स्थिति कानून प्रवर्तन और स्थानीय अधिकारियों के नियंत्रण में है। जब तक आतंकियों के सभी स्लिपर सेल का पता नहीं चल जाता, तब तक हमलों की जांच जारी रहेगी। बिना सबूत दिए उन्होंने दावा किया कि हमले की योजना विदेश में बनाई गई थी।
हमले के लिए जिम्मेदार कौन ?
रूसी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हमलावर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के सदस्य थे। फिलहाल, किसी भी आतंकी संगठन ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। दागिस्तान गणराज्य के लिए रूसी जांच समिति की जांच समिति के निदेशालय ने कहा कि उसने रूसी संघ के आपराधिक संहिता के तहत हमलों की आतंकवादी जांच शुरू कर दी है।
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