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2016 की घटना पर RSS विचारक राकेश सिन्हा का बड़ा खुलासा, बोले- TV Debate में मुसलमानों के खिलाफ बोलने को कहा गया, VIDEO Viral

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक और पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने हाल ही में एक बड़े खुलासे में बताया कि उन्हें एक टीवी एंकर ने मुसलमानों की टोपी और दाढ़ी पर टिप्पणी करने के लिए कहा था। यह खुलासा दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक सेमिनार के दौरान किया गया। सिन्हा का कहना है कि यह घटना साल 2016 की है। उन्होंने इसे टीआरपी की होड़ में मीडिया द्वारा अपनाए जाने वाले नफरत भरे एजेंडे का हिस्सा बताया। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है।

16 जनवरी को हुआ था सेमिनार का आयोजन

16 जनवरी को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में नई दुनिया फाउंडेशन की ओर से “आज के भारत में मुसलमानों का भविष्य” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर राकेश सिन्हा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और आरजेडी सांसद मनोज झा समेत कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए राकेश सिन्हा ने खुलासा किया कि एक न्यूज चैनल के एंकर ने उनसे टीवी डिबेट के दौरान मुसलमानों की टोपी और दाढ़ी पर टिप्पणी करने को कहा था। एंकर ने उन्हें पैनलिस्ट से लड़ने की सलाह भी दी और कहा कि इससे शो हिट हो जाएगा।

सिन्हा ने कहा, “मुझसे कहा गया कि मैं बहस में आक्रामक होकर मुसलमानों के खिलाफ बोलूं। यह घटना 2016 की है, जब मुझे न्यूज चैनल की गाड़ी लेने आई थी, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने बहाना बनाकर कहा कि मुझे मुंबई जाना है। मैंने यह निर्णय लिया क्योंकि मैंने महसूस किया कि यह बहस सच्चाई और समाधान से परे है और केवल नफरत भड़काने के लिए है।”

प्रियंका चतुर्वेदी ने वीडियो किया शेयर

शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिन्हा का तीन मिनट 33 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “खुशी है कि राकेश सिन्हा ने बोलने का साहस किया। यह मीडिया का असली चेहरा उजागर करता है, जो टीआरपी के लिए सच्चाई की जगह नफरत को प्राथमिकता देता है।”

प्रियंका चतुर्वेदी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोग मीडिया के इस रवैये की निंदा कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे सिर्फ राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं।

डिबेट का उद्देश्य टीआरपी बढ़ाना नहीं

राकेश सिन्हा ने कहा कि टीवी चैनल अपने डिबेट शो को हिट करने और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने के लिए जानबूझकर ऐसे मुद्दे चुनते हैं, जो समाज में नफरत को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, “डिबेट का उद्देश्य समाधान ढूंढना होना चाहिए, लेकिन आज यह टीआरपी बढ़ाने का साधन बन गया है।” उन्होंने मीडिया के ऐसे रवैये की निंदा करते हुए कहा कि यह देश में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाता है।

मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए- सलमान खुर्शीद

इस सेमिनार में मौजूद अन्य नेताओं ने भी मीडिया की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “मीडिया को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और समाज को जोड़ने का काम करना चाहिए, न कि तोड़ने का।” वहीं, आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा, “मीडिया को किसी धर्म या समुदाय को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल करना खतरनाक प्रवृत्ति है।”

राकेश सिन्हा के इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफें भी हो रही है। कई यूजर्स ने उनके साहस की सराहना करते हुए कहा कि सच्चाई बताने के लिए हिम्मत चाहिए। वहीं, कुछ लोगों ने इसे महज राजनीतिक बयान करार दिया।

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