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RBI के नए गवर्नर होंगे संजय मल्होत्रा, शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, 11 दिसंबर को संभालेंगे पदभार

नई दिल्ली। सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​(Sanjay Malhotra) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अगला गवर्नर नियुक्त किया है। मल्होत्रा अब मौजूदा RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। कैबिनेट ने आज यानी 9 दिसंबर को संजय मल्होत्रा के अपॉइंटमेंट को मंजूरी दी है।

बता दें कि 10 दिसंबर को RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास का दूसरा कार्यकाल पूरा हो रहा है। संजय मल्होत्रा RBI के 26वें गवर्नर होंगे।

26वें गवर्नर होंगे संजय मल्होत्रा

संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर को RBI के नए गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल अगले 3 साल के लिए होगा। संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर होंगे। रिजर्व बैंक का कामकाज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स देखते हैं और ऐसे में संजय मल्होत्रा के पास इस काम का लंबा अनुभव है, इसलिए RBI के गवर्नर की रेस में वो सबसे आगे रहे।

संजय मल्होत्रा 1990 बैंच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी हैं। नवंबर 2020 में आरईसी के चेयरमैन और एमडी बने थे। इससे पहले वो ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे। साल 2022 में डिपाटर्मेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के सचिव संजय मल्होत्रा को केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक (RBI) के डायरेक्टर के रूप में नामांकित किया था।

संजय मल्होत्रा के पास लंबा अनुभव

राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा ​​के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, यूएसए से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री है। बीते 30 वर्षों से मल्होत्रा पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में अपनी सेवा दे चुके हैं।

शक्तिकांत दास का कार्यकाल

उर्जित पटेल के अचानक गवर्नर पद छोड़ने के बाद शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 को आरबीआई का 25वां गवर्नर नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल को बाद में तीन साल और के लिए एक्सटेंड किया गया था। शक्तिकांत दास करीब 6 साल तक आरबीआई के गवर्नर रहे। उनका दूसरा कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है।अधिशेष हस्तांतरण के मुद्दे पर आरबीआई और सरकार के बीच खींचतान के बीच पटेल के अचानक इस्तीफे से बाजार पर असर पड़ा था। दास ने आरबीआई गवर्नर का कार्यभार संभालने के बाजार को एक भरोसा दिया था। शक्तिकांत दास ने कोविड के दौरान और उसके बाद देश में महंगाई की समस्या को काबू में करने की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है।

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